हिन्दी गद्य वाटिका की कंजी | Hindi Gadhya Vaatika Ki Kanji
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
194
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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कल्यादान--विवाह में फन्या देना| बालमित्र--बचपन के सिप्र
चौरस--जो ऊँची नीची न हो, | लाज्षागृह--लाख का घर, जी
समतत दुर्योपयन न पाडया के लिए
रंगभूमि--जलसे शा स्थान... बनवाया था।
शुभ्र--सफेद पर ३७
चँंदीवे--छोटे छोटे मडप | भूषित--मजकर
यादब--यदु राजा के वंश के । | वकवीय--घल-पराक्रम
विकट--विशाल, भयंकर
कुंडल--क्ान का गहना
भुजबन्द--श्राजूबन्द
श५
मचान--भँस आदि फो बाँध
फर बनाई गई ऊँची बैठक !
सुहायने--सुन्दर महाधनुर्धागी--धनुप चल्लाने में
बस्प्राभुषणों--कपड़ों और गहनों |. बड़े चतुर
ऐेश्वये--धन सम्पत्ति | पते जाति, रथ
चूर--भरे ्ट हॉकिने बाला
डाह_..ऐैपा, जलन 1
३,
यथायिधि--विधि (रीति-रिवाज़) | तिरस्कार सूचऋ-अपमान जदाने
ली, घृणा जताने वाक्षी
अग्नि को तृप्त किया--श्राग्ि | कई न--सारथि के पुश्र
प
को जलाया । | ज--चेदिदेश का राजा
स्रध्तिवाचत-मंगल पाठा.. । सैंचा--पह
काँचनी--कॉयन (चंपा या सोना) 2 है'े पं का भोजन
की माता । फलाद्ार--फन्नों का भे
अपूर्ष--अनोखा 1 ज भपग-नयादु खाना
७
व पक छुन्द | कचर्म--दरिण का चमड़ा
पृष्ठ ३६ | उत्तरीय--दुपट्टा, चादर
नरेश-नााजा। + बठ--नाल्ा, स्वर
अवण कीजिए--सुनिए » | सूृत सागध--भाट
सुराख: >पाठ--प्रशंभा के गीत
पेजस्वी--तेज (काम्ति) वाला गाना |
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