पंचांग शोधन कमेटी | The Panchang Committees Report

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The Panchang Committees Report by दीनानाथ शर्मा - Deenanath Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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4. (४ इन्दौर पंचांग प्रवर्तक कमेटी की संपूर्ण रिपोर्ट... शुरू पंचांगोपयोगी शाखार्थ साहेत ग्रहलाघव-कों चालन दुकर उसी के गाणित स शास्त्रशुद्ध खुश्म पंचांग बनाने की पहाति व कोष्ठटक- भूमिका. छेखकर--विद्याभूषण दिन्ानाथ' शास्त्री चुलेट- १ बहुत प्राचीन वैदिऊ फ़ाछसे मंत्र द्रशण ऋषियोंने ज्योतिःश्ास्र के मूछतत्वों का पे शोघ छगा लिया था; यज्ञ प्रयोग उस समय को वेध किया थी और विति 55 बा हे कला और सुपण चिति आदि के -चित्र में दैवत चिन्हांकित इष्ठकाएं सा हे €ुंटे) रखकर उसका ठेखन किया जाता/था। जैसे द्वारा आज धार्मक स्वस्स,.., व के पंचागों के गाफफ़ उस समय में (और आज ) भीं तिथि, नक्षत्र, करण, दिन प्र ग, रात्रि प्रमाण, मास, पक्ष, अयन ( विषुव दिन ), तेयन ( पर्जन्यारंम नक्षत्र )) क .ह संवच्सर और सुर्गे! का परिमाण आदि यथार्थ रीतिते मादूम होते थे। उसके द्वारा 5 तक मास का भ॑ पता छग जाता था। इसी कारण वैदिक मंत्रों मे उपासना के रूपमें ज्योविगोठ का ही वर्णन दे । क्योंकि उस'समय ण्योतिःशालत्र और घमेशाज्ञ का एक दी रूप था। के २ आगे जब वेदांग काऊ में शिक्षा, कत्य, व्याकरण, निरुक्त जौर रंदप्षयों का अंडग जछग निर्माण होने छगा तत्र ज्योतिष का मी' बेदौग . घैदांग काछ के इधर उदेतप नामस मंथें। द्वारा अछ्य निर्माण हुआ; और धर्म शास्त्र ज्योतिष का खर्तत्न साज्य है ्ारक स्पृतिग्रेय भी अठम अछग बनते गये | श्रत्र तक तंत्र (अदृगणित ) सेद्िता व जाते भेद से ज्योतिष के १८ 'मंथ जोर मानवादि स्वृति ('घरेझास्र ) के २६ प्रेय बने इनके द्वारा और भी कई डेंपॉमरूप प्ंथों की रचना 1 ३. इलस दरस्‍सर में लेगांगी भार का लैब देने से सवोकियाज़ में“लूति परगो् ध्योतिःशा्र और घर्म 3. ते बा रोका परे कि धो जय) “पा मर स्थोति प की बातों का समावेश किया _य्रा। इसी कारण मारे ब्योतिःशाल और धर्मशाज् परस्पर में एक दूसरे के सम्यंक हैं।




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