सफ़र से पूर्व | Safar Se Purv
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
616 KB
कुल पष्ठ :
120
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जय पेड़ शटता है
व
देह ब८ा है,
हद,
वि पेड की नहीं जरा,
पटुत गहरे
शटटों, पुछत टने सदा है ।
विग्द, प्रतोश,
पशों की सरगराहूट
वा श३7, छय,
फूलों की कृबिया
शिट्टियों शा पीव--
सभी बुछ तो बंदने सगता है !
घूृष-छांव पा गेल,
जुगासो को यात
मरच्चों मा--गिलहरियों हा उत्पात,
हटने सगता है ।
जय पेट बटता है
तो वुछ महीं बधता--
युद्ापे मी नींद,
गुसमोहर की यातें,
बधपन की यादें--
सभी कुछ छंदने लगता है ।
कोौओआ, टू पर
शुलसाती दोपहर का पहाड़ा
रटते खगता है।
अब पेड़ पटता है |
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