तीखा सूरज | Teekha Suraj
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
122
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)तीखा सूरज || २३
“झौर तू चगा कहा करता हैँ हर बार ?
ब्या ?
“(कि भाज तक तूने कोई बाजी जीती है बिना बेईमानी के ?”
/हाँ, हाँ । कौन सी बाजी जीती है तूने बिना
“भर जीतूगा प्यारे । भव जीतूंगा ।
“बया ? कौन सी बाजी ?
“प्न्धे की बेटी !!
“अन्चे की बेटी ?'
“माधुरो ।” झशोक में कहा ।
“आघुरी !” सुमन का मुंह खुला का खुला रह गया ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...