वेदलावण्यम् | Vedalavanyam

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Vedalavanyam by सुधीर कुमार गुप्त - Sudhir Kumar Gupt

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १६ ) है। इस पराला में असफठ बाल्का का वध कर दिया जाता है अबवा समाज में निम्न बना लिया जाता है। ९--सम्य और विकसित जातिया म था उपनयन का बटा महृत्त्व दिया जाता हैं। इसाइया यहूटिया मसलल्‍माना और आय सभा हिंदुआ से भिन्न जातिया म अपन-अपन ढय से उपनयन कर के उन्हे जपन धम का जान कराया जाता हैं। चिना क साधना के कारण इन जातिया का उपनयव विधिया अविकसित जातिया के समान उग्र नहा हाता परतु कहा कहां खतना (5--अगच्छटन) आदि की विधिया म उन का अवशप पाया जाता है।' उपनयन सस्कार की प्राच्ीनता १० आयसमाज म उपनेयन सस्कार प्रानीनतम काल से चला जा रहा है। इस का विस्तत वणन गह्यसूता मे उपलब्ध हाता है। परम्परागत आचार का ग्रन्थ हान के कारण इन म अपनी विधिया और वितियागा के लिए कोइ प्रमाण प्रस्तुत नही करिए गए ह । ११ डा० राजबलछा पाण्ण्य लिखत हूं कि यद्यपि आर्यों क॑ प्राचीनतम अ्रथ ऋग्वेद में मूबरा का सकलन कमकाण्ड वी दप्टि से यथाविधि नही हैं तथापि वहा एतिहासिक दृष्टि से महत्वपूण कुछ धामिक विपरिविधाना से सम्बद्ध मूकत मिलते हैं जिन म गरभाधान विवाह और अन्त्यप्टि का वणन है। १ विस्तार के लिए एनसाइक्लापीडिया औफ सोद्वर साइन्सिज एनसाइक्लोपीडिया औफ रिल्ीजन एण्ड एथिवस में इनित्यगन सोच्यक औरणनाइजन एडोलैसैस एडयूकेैवेन आदि पर लेख एवं मिलर का चाइल्ड इन प्रिमिटिव सोसाइटी (अध्याय १०) और एच ० वे. डे मिटिव सीक़्ट मोसाइटीज आदि देखें) [




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