श्रीमद जैनाचार्य्य श्री 1008 अमरसिंह जी महाराज का जीवन चरित्र | Shri Mad Jaina Charyya Shri 1008 Amar Singh Ji Maharaj Ka Jeevan Charitr

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Shri Mad Jaina Charyya Shri 1008 Amar Singh Ji Maharaj Ka Jeevan Charitr by आत्माराम जी महाराज - Aatnaram Ji Maharaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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डर फेक #% प्राघ्ना % - । प्राक्ष पुरुषो! में आपसे सविनय निवेदन करता -. हू,कि यह परस पत्रित्र जीवन चरित्र रूप पुस्तक भ्रीमान्‌ परम प० उपार््यायजी महाराजने लिख कर सुझ् क्षुत्लक चेतना फो सशोधन करने के लिये प्रदानकिया अत मेंने आप की अज्ञानुकूल हस:पुस्तक को स्ववुद्धधनुसार सशोधन किया है यदि अब भी प्रेस तथा मेरे प्रसाद से कोई ' अगुद्धि रहगई हो तो सख्यावान्‌ पुरुष क्षमा करें। क्योंकि कहा भी हे कि -अक्षरसात्रपदस्व्र हीन , व्यज्जनसन्धि। विश्रज्जित रेफम्‌ साधुमिरत्र ' समक्षतव्य। कोनबिमुश्यतति शास्त्रसमुड्े॥१1इति अपितु इस पुस्तक को श्रीयुत छाछा मिड्ठीमल्ल, घावूराम,लुधियाना निवासी तथा ला० हरभग- 'वानदास,शकरदास कपूर्थलावाले भाषडा डब्षी , धाजार छाहोर वा लाला फपाराम, धसत्तामल्ल, सेफ्रेट्रीजेनलभाभम्रतसरओर पघावृकुत्वनलाल सब ओवयरसीयर, सदानद, लुधियानानिवासी, ' इन पर्म प्रेमी महाशर्पों,ने स्वव्ययसे प्रकाशित फराया है जिसके धसाय से उक्त महाशयों ने पूर् से भी अतौय सुप्रख्याति की प्राप्ति की है ॥ _- बी जेनमुनि पण्डित ज्ञानचन्ंद | 1 प्‌ * हे




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