कम्यूनिज्म क्या है | Kamyunijam Kya Hai
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
144
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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( २३ )
सीखरे सा्यभोम छुख के पक उद्देश से ज्ञो उद्योग चन्धों
फ्य सगठन किया जायगा त्तो हम अनावश्यक नुकसान और
खरायो से बचकर अच्छी २ कलों से बड़े २ कारपानों में किफा
यत फे साथ यहुत ज्याद सामान निकाल कर उससे राम
सदटायेंगे और फिती को फोई नुकसान स दोगा। फ्योंकि बिक्री
होढ़ा होड़ी ओर आया यारो को दृष्टि से तो काम होगा नहीं,
फ्ाम होगा अपनी जरुरत को दूर फरने और काम फो दृढ़
यनाने के लिए, करों को पूरी तरद से समुन्नत फरने। खुधारने
और बनाने के लिए. । आज कल सम्पन्न छोग तो नई कर्छों के
तय फाम में छाते ह॑ं अप उन्हें काफ़ी और सस्ते मजूर नहीं
मिलते। नई फलों से थोड़े भजूरों फे जरिये अधिक माल पैदा
करके दूसरे सोदागरों के पुकायिले में घन पैदा फरना मात्र
इनका अभीए होता है; न कि सारी जनता फा सुख साधन ।
यह समझना मूल दे फि फश्युनिउ्प को प्रधानता में चिणान
नए द्वो जाय गा,कारीगरी सम्यन्धिनी चतुराई जाती रहेगी, यह्कि
इनकी अधिक उन्नति होगी, फ्योंकि सभी को विद्या पढ़ने और
युद्धि चल को फाम में छाने का पूरा २ खुयोग मिद्वेया | अब तो
थोड़े से धनिर दी विद्या पढ़ सकते हैँ, विज्ञान और कला
और फौशल फी शिक्षा तो निर्धन धमिर्शो के लिए और भी
इुरूम होती है । अधिकांश जनता रीठी की हीं दिता मैं अपना
ज्ञीवन गयों येठती है छोटे २ बच्चे ओर स्त्रिया सक फोरखानों
में घुलामी फरने जले जाते हैं फिए सी इनका पेट नहीं भरता ।
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