पक्षी परिचय | Pakshi Parichay

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Pakshi Parichay by

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ४० ) धोबिन इस देश में सालू-मर नहीं पाई जाती। जाड़ा यहाँ विताकर, अंडे देने के लिये, दिमाठ्य की ओर चली जाती दै। देखने में गौरैये के आकार की सुन्दर चिड़ियाहै। इसकी लंबाई प्रायः माठ इंचतक होती दै। इस देश में इसकी दो उपजातियाँ मिलती हैं। एक का रंग ऊपर छुछ नीला, हरा और भूरा होता हैः और नीचे पीछा | पूँछ फा ब्रिचला हिस्सा काछा और दोनों छोर. सफ़ेद होते हैं । गछा भी सफ़ेद होता है | वसनन्‍्त काल में नर का गला बीच में विल्छुछ काछा हो जाता है। भरे सफ़ेद होती हैं। दूसरी डपजाति का रंग नीचे सफ़ेद होता दै। इसके सिर, डैने ओर पूँछ भी बहुत कुछ सफ़ेद होती हैं। गछा छुछ काछा होता है, बाक़ी पर भूरे। धोषिन की एक विशेषता यहद्ै कि इसकी पूँछ कुछ लंबी द्वोती दै ओर जैसा कि हम पहले कह चुके हैं, यह उसे बार-बार दिलाती- डुलाती रहती है। * * इसकी दूसरी विशेषता यहद्दै कि यह साल में कई बार रंग बदरूती है । इसका रहस्य फ्या दे ? हमछोग वरावर- एक ही वस्त्र पहने नहीं' रहते | कभी कुछ पहन कर निकलते हैं, तो कभी छुछ | ऐसे छोग भी हैं, जो दिन भर में कई बार “सूद” बदलते हैँ पक्षियों का भी करीब-क़रीय यही हाल दे। किल्तु ये कपड़े का व्यवहार नहीं करते;' इसल्यि सपने पंख वद॒छा फरते हैँ) साछ में कम-से-कम एकबार तो' ' प्रत्येफ पश्नी इस प्रकार पुराने परों को त्यागकर नये धारण करता है । घर कोई-फोई पत्नी साल में यद्द क्रिया दो चार करते हैं । शीतकाल के आरंभ में सभी पक्की अपना काया-करुप करते हैँ। प्रायः सात-आठ-




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