कपोत कुर्सियां और चन्दनवन | Kapot Kursiyan Aur Chandanavan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
464 KB
कुल पष्ठ :
94
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)संस्कारों की यात्रा कथा
यहां मक््का-बाजरे की फसल
उठान पर है
और तुम हो शहर में ?
याद होंगे तुम्हें वे दिन
जब हम दोनों
मचान पर बैठ २४ लत
उड़ाते थे मक्की के खेत से
तोते और कब्वे
गोफन में रखकर गुल्ला
करते थे धमाका,
और घर पर मां
देखती थी सपना-
हमारे भविष्य का!
मुझे याद है-
पढ़ाई में होशियार थे तुम मुझसे,
इसीलिए मैं कहता था मां से
कि वह मेरे हिस्से के मगध के लडू
और दूध
तुम्हें ही खिलाए, पिलाए;
मैं तुम्हारी बढ़वार के लिए
खाद हो जाना चाहता था।
'कपोत, कुर्सियां और चन्दनवन / 23
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