श्री प्रज्ञापना सूत्रम भाग 2 | Shri Pragyapanna sutram Bhag 2

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Shri Pragyapanna sutram Bhag 2  by घासीलाल जी महाराज - Ghasilal Ji Maharaj

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about घासीलाल जी महाराज - Ghasilal Ji Maharaj

Add Infomation AboutGhasilal Ji Maharaj

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ओऔयुत भणीक्षाक्ष पापथ्क्षा4 वेरने। संक्षिप्त परियय बढपाएु शडस्भा आ्राव४ धर्मापराथणु परापटला॥ पथ ध्लाएं वाभवा जे सुभ्राव5 व्िह शृरुत्य रखेता छुता फोगे। सह फ्रेनधर्माभां जटत श्रद्धा युध्त भनी पणिध्वृत्तिथी (यापारथी) पेताना इदु णनी, जाएविक यकावता छत, पतेमना घर्मीपतनिणे सपत १७६१ ना ०8 सु ८ ना हिपसे शे4$ युगरूनने प/न्‍्म जापष्ये। प्रभु नाम भणीक्षा शणवाभा शाव्यु फेपटकषात- लाए ने। जा चू० तेम३ येथु संतान जने णीव्म उन छत भणीवावलाएंना पिताश्रीण तेभने नानपणुथी ०८ व्ेनधर्भमा श्रद्धावान जनवानी ओरणु जापी तेमने णी, ले, सु्धों मल्यास धरापी सुयेज्य णनाव्या, येग्य भरे पछायता सपत पे८७छ७ ना भदे। भासभा जेटटाइना गेपाणी अणभुषणु 3४२शीलाएनी सुथुतर २णाणडेन से तेमना कषम्त धरचाभा जाणा, भणीक्षाकषाधनामा पेताना भातपिताना 6स्‍थ घार्मि६ श्रर्छार गाण- बयथी ० जेतप्रेत थयेकाा तेथी पेथे! सु साध्वी भुनिराओे पासेथी प्या- ज्यान वाणी सालणता जने जा उत्तम सत्सगना प्रतापधी तेणे। निम्नतान छ्वावा छता पेषण जडबतावीस वर्षनी बयभा ०४ तेगाशे आवधइना अपेमा 8त्तम णेवु यिशु मत (श्रद्मयथर्थ अपने। जगीध्र ४री धणश्टपूर्व5 ते मतन! पाक्षनप। तत्पर रुछे छे, तेजेओे धाम मल्यासभा पु पेताने। जलपात जाणण वधारी श्री धशवेध्विधस+ तथा 5त्तरा्ययनस्‌- 55स्4 अरेध छे, बने अतिदित परेोब्यि तेनी सब्त्णय हरे छे जा ढतम पायन तथा घर्भाराधनता अतापे तेमेशश्रीने ५६२४ वर्ष पदेक्षा झुनिदीक्षा घारणु रवाना 882 साव थयेक्ष १२8 डेटक्ष४ डी2जिज8 आरणुर तेम थर्ण श्र नथी, ते। पथु॒ तेमेप् मंते। जगीध्वर धरेता ० छे, तेम: इररेए/ यार हे पाय साभायि६ जपि- >िछन्‍न पंशे ४रे छे. तेमनी जा अद्त्तिभा तेमना घर्मापरायणु पत्ति तरइथी पण ओत्साहुन तथा साथ भणत। र्डेयाथी तेभनी धर्मा पराथणुता विशेष रीते हीपी 68 8 तेमवा घर्मापिन र२लामडेन पशु धरशे/ ६-७ सामायिज्न ध्रे छे तेज इशवैश्रश्षि.्न तथा उत्तराष्ययन सुजेना. पेटक्षाई सप्ययते ४ ध्स्थ पशु धरे 8. तेजे। पु ही) स्वीध्ारताना लाव साथे तत्पर थथेक्ष पर भजिला्न। रेहाणुथी पेमने पथ ते भारे थथी ब्थघु पथ . १




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now