दुर्गा शतक | Durga Shatak
श्रेणी : पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.9 MB
कुल पष्ठ :
66
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about आद्या प्रसाद पाण्डेय - Aadhya Prasad Pandey
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(1)
योग मे प्रयोग मे वियोग मे सयोग मे जो,
ऐसी योग माया को नमन करता हूँ मैं।
दृष्टि मे अदृष्टि मे परोक्ष अपरोक्ष मे भी,
ब्याप्त विश्व छाया को नमन करता हूँ मैं ।।
विधि विष्णु शकर समस्त देव ध्यावे जिसे,
ऐसी शक्ति साया को नमन करता हूँ मै।
कोटि कोटि सूर्य का प्रकाश रोम-रोम जाके,
ऐसी कान्ति काया को नमन करता हूँ मै ॥
(2)
जिसके प्रकाश से प्रकाशित समस्त लोक,
हे हो देव नन्दिनी। नमन करता हूँ मै।
असुर निकन्दिनी विभजनी सुरो की ब्यथा,
सन्त द्विज बन्दिनी। नमन करता हूँ मैं ॥
कन्यका कराल खड्ग धारिणी अनूप रूप,
मृगपति स्यदिनी। नमन करता हैँ मे ।
हरि, हर, विधि भी जिसे न जान पाते,महा,
माया की तरगिनी! नमन करता हूँ में ॥
User Reviews
No Reviews | Add Yours...