प्राकृत पैंगलम् भाग - 1 | Prakrit Paingalam Bhag - 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
31 MB
कुल पष्ठ :
750
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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निवेदन
अपश्रंश साहित्य एवं उससे सम्बद्ध प्राचीन देश्य भाषाओं के
साहित्य के अंतरंग पैरिचय के लिये प्राकृतपेगलम नामक ग्रन्थ अत्यन्त
महत्वपूर्ण हे। निर्णयसागर से प्रकाशित ्राकृतपिंगलसूत्रारिए! तथा
बिल्बिओथिका इंडिका से प्रकाशित 'आ्राकृतपंगलमः वरसो से अनु-
परूच्घ_ है। फिर से नये सिरे से इसका संपादन वछिनीय था।
ग्राकृतपंगलम् का यह संपादित संस्करण पंडित-मंडली के सम्मुख
प्रस्तुत है। इसके संपादन में उक्त दोनो संस्करणों के अतिरिक्त
नये मिले हस्तलेखों का भी समुचित उपयोग किया गया है तथा
पादटिप्पणी मे तत्तत् हस्तलेख और संस्करण के पाठात्तर भी दिये गये
हैं। मूल ग्रंथ के साथ साथ हिंदी व्याख्या तथा भाषाशाश्त्रीय टिप्पणी
सलग्न है। ग्रन्थ के संपादन मे जिस सामग्री का उपयोग किया गया
है, उसका विस्तृत विवरण ह्वितीय भाग के अनुशीछून प्रू० २६-३६ से
दिया जा रहा है। संक्षिप्त विवरण यह है :--
१, 6, श्री चन्द्रमोहन घोष द्वारा बिबव्छिओथिका इंडिका? में
संपादित संस्करण |
२, ९, काव्यमाला में संपादित संस्करण ।
३, 8. संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी का हस्तलेख, श्री घोषवाला
7 हस्तलेख ( त्रुटित )।
४, 3, संस्क्रत विश्वविद्यालय, वाराणसी का हस्तलेख, श्री घेषवाला
#', हस्तलेख ( त्रुटित )।
४. 0, जन उपाश्रय रामघाट, वाराणसी का पूर्ण हस्तलेख ।
६. 12, जन उपाश्रय रामघाट, वाराणसी का शअ्पूर्ण हस्तरूख |
७, 0, बड़ोदा विश्वविद्यालय के ओरियंटल रिसच इंस्टीट्यूट!
का पूर्ण हस्तलेख |
इसमें उपलब्ध 0. हस्तलेख प्राचीनतम है, तथा इसका लिपिकाल
वि० सं० १६४८ ; प्रर्थात् गोस्वामों तुलसीदास की मृत्यु से रर बष
पुराना है। यहाँ महत्त्वपूर्ण हस्तलेखों की फोटोकापी दी जा रही है ।
प्रस्तुत भाग के परिशिष्ट में रविकर, लक्ष्मीनाथ भट्ट तथा वंशीधर
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