रेत की नदी | Ret Ki Nadi

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Ret Ki Nadi by मानिक बच्छावत - Maanik Bacchhavat

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रेत का समुद्र हम चलाते है नाव रेत के समुद्र में जैसे पर हो जा एक उठता रेत में दूसरा गिरता हुआ रेत जैसे रेत न हो बल्कि जल हो हम खेते हुए चलते है अपनी नाव रेत मे सारा दृश्य ठीक बसे ही बनता है जैसे समुद्र की छाती हो फक सिफ इतना है कि वहा जल होता है गहरा, हरा या नीला और यहा रेत का रग पीला है सिफ पीला आसमान यहा भी चूमता है उन किनारो को जो नहीं दीखते और वहा भी रेत की नदी / 23




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