किरण वीणा | Kiran Vina
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ :
2 MB
कुल पृष्ठ :
242
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)खोलो है मन का तृण-पिजर
त्वच सीमा से निक्लो वाहर,
भू रज म्रजग, विहग बनो उठ,
पख शून्य में फैला भास्वर !
फालगई तूलो से क्रिणें
श्री शोभा वी स्वरलिपि रचतीं
प्राणों के प्रायण पर |
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