पत्रावली | Patravali

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Patravali by चन्द्र कुमारी हन्डू - Chandra Kumari Handoo

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पत्रावली उसको मिठाने का एक उपाय हैं। गति ही जीयन का लक्षण है| अमेरिका एक शानदार ढेश है। दरिदों और स्लियों का वह स्वर्ग है। इस देश में दरिद्र तो समझिये कोई है दी नहीं और कहीं भी सेसार में लियों इतनी स्वतत्र, इतमो शिक्षित और इतनी सभ्य नहीं हैं। ये समाज में सर्वशक्तिमान हैं। यह एक बडी शिक्षा है। सनन्‍्यासी ने अपने सन्याम का कोई में। भश्ञ नहीं खोया, यहद्वों तक कि अपने रहने का तरीका भी नहीं खोया । इस सब्कारशील देंश में द्वर घर मेरे लिए खुला है। जिस ईश्वर ने भारत में मुझ मार्ग दिखाया क्‍या वह मुझे यहाँ न मार्ग दिखाता ओर उसने दिखाया है। आप कदाबित्‌ पह न समझ सके होगे कि अमरीका में सन्यासी का क्‍या काम हे, परन्तु यह आवश्यक था। क्योंकि संसार में परिचित होने के लिए आपका एक ही अविक्रार है और बह है आपका धर्म और यद्द आउश्यक दे कि हमार धामिक पुरुष आदर्श रूप में परदेशों में भेजे जएःूँ जिसमें दूसरे राष्ट्रों को माह्म द्वो कि भारत मरा नहीं है। प्रतिनिधि रूप से कुछ लोगों को भारत से बाहर सत्र देशों में जाना चाहिये, कम से कम यद्द दिखलानें को कि आप लोग जद्नली सनुष्य नहीं हैं | भारत में अपने घर में वैठे-वेठे शायद आपको इसकी आवश्यकता न माद्म द्वोती दो परन्तु विश्वास रृखिये कि आपके श्र




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