पत्रावली भाग - २ | Patravali Bhag - 2

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Patravali Bhag - 2 by चन्द्र कुमारी हन्डू - Chandra Kumari Handooस्वामी विवेकानन्द - Swami Vivekanand

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स्वामी विवेकानंद - Swami Vivekanand

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पत्रावली प्रत्येक मनुष्य और प्रत्येक राष्ट्र को बडा बनाने के लिए तीन बातें आवश्यक हैं--- १. सौजन्य की शक्ति में विश्वास | २. इंष्यो और सन्देह का अभाव | ३. जो धर्म-पथ पर चलने में, और सत्‌ कम करने में संल्म्न हो उसकी सहायता करना। | क्या कारण था कि हिन्दू राष्ट्र अपनी अदभुत बुद्धि और गुण रखते हुए भी टुऋड़े-ठुकड़े हो गया ? में इसका उत्तर दूँगा--ईष्या । कभी भी कोई जाति एक दूसरे से छुद्र भाव से ईष्यों करनेबाली, या एक दूसरे के सुयश से ऐसी डाह करनेवाली न होगी जैसी कि यह दुभाग्य हिन्दू जाति और यदि आप कभी पश्चिम में आएँ, तो सत्र से पहले पश्चिमी राष्ट मे इसके अमाव का अनुभव के | भारत में तीन मनुष्य एक साथ मिलकर पॉच मिनट के लिए भी वोई काम नहीं कर सकते। दर एक मनुष्य अधिकार प्राप्त करने के लिए प्रयास करता है आर अन्त में पूरा संगठन दुःख उठाता है। भगवन्‌ ! भगव्नन्‌ ! कब हम ईष्यों करना छोड़ेंगे! ऐसे राष्ट्र ম) [গ্রহাসনঃ बंगाल में, एक ऐसे दर का निर्माण करना जो कि परस्पर मत-भेद रखते हुए भी अठल प्रेम से बँधे हुए हों, क्‍या यह अचम्मे की बात नहीं है! परन्तु दर बढ़ेगा । अनोखी उदारता के बिचार के संग अनश्बर शक्ति और उन्नति भारत में फैलनी है । ५




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