यवन भाषा का व्याकरण | Yavan Bhasha Ka Vyakaran

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Book Image : यवन भाषा का व्याकरण  - Yavan Bhasha Ka Vyakaran

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मम ह॥ जानना चाहिये कि ८६ ० मिलके प्राय ० होताहे केचल थोड़े रूपो भें ६५ और ६६ मिलके प्राय ६५ केवल कभी «१ छोत़ा है ग्रोर ०० मिलके प्राय ०» पर झोड़े ही रूपों में ०७ होता से। ऊपर के च॑ क्र में जहा जहो कुछ नहीं लिखा गया तेहों आनना चाहिये कि सेयि नहीं हो ती ते। 1 गति सेयि का वर्तीन । आथ क्रियाओं का वहन । न्तीय अयाय. पात्र यपाढटा .। क्रियाओं के विषय में बीन बनें सम कमी ग्वश्यकरे अथीत स॑ यातर २ : पर ३7 आ्षयों के लगाने के परिले याव ले, ड नपलेज ु ; के $॥ र् 1-2 अ




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