स्वेन | Swen

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Swen by सेल्मा लेगरलौफ़ - SELMA LAGERLOF

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ए७ ) वालिया, जे अश्वल से मु; ढाँपे अय भी सिसक रही थी+ परदर्शित करने के लिय उठ खड़ी हुई, किन्तु ज्यों दी उसकी पादरी के साथ बाले नवयुवक्र॒ पर पड़ी, वह चोक उठी ।' ] यह ता स्वेन है ।--उसफ झत करण से एक आवाज ॥ई और दाणभर बाद ही अनेक विचार बदणडर की तरह 5 कर उसक सस्तिष्क मे चक्कर लगाने जगे। 'तत्र क्या जाल जे। समाचार कहा था वह झूठा था ९? बढ मन ही मन पृद्धन गी ओर उस सम्मते दर लगी कि क्‍यों उसका पति स्वेक ही खबर सुनातें समय भूठ बेला था। “आद, जाल के ढग निराल 1 कितनी आजीय राति से मुझे! अपनी निर्मेतत का दयड दिया। निन्‍्तु अब स्वेन का क्या अपने साथ द्वी रखना पडेगा ?? पुत्र फे फल्तक थी याद आते ही उसक दिल में संलबली सी मच गयी । ऐसा प्रतीत हुआ, सानों पुत्र क कुफम से उसक दिल्लम जे रज पैदा हुआ या, चए लाथ भयत्न फरने पर भीन मिट सफेगा। 'ओफ ! कितना बेहदा काम कर लिया। सउष्य फा माँस] “' बह सेचन लगा ओर उसके सन में विचारा का एक तुमुल सग्राम सच गया। किन्तु इसी समय छसभी हाप्ट चुन्त फ दुबक्ष चेहर पर जा पडी । उच्तड़ो आँखा में कितनी बंदया आतहित थी । पंसा लगता था माना मद मदु झुस्कृपता हुश्मा बह सहानुभूति और दया फी भिक्ता माँग रद्दा दैे।। पुत्र कफ उस काररुणिक स्वरूप पा दुसकर त्तालिया क ठण्डे विचार न ज्ञान कटद्दों साग गए और उसक हृदय में यकायक प्रम का एक झबर उमड़ झाया। अह, मे ) आज्न तुमन मरे आँसें खेल दो हैं| बहू मन ही मन पहने छगी, 'तुमन बता दिया है, में कया हैं। मेरी भावनाय क्‍या हैं। क्याकि आज्न में अच्छी तरद झसु> भव फर रही हैँ कि पर्षो से विछुडे हुए पुत्र के। मैं प्यार दिये बिना




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