बाल मुकुन्द गुप्त एक मूल्यांकन | Balamukund Gupt Ek Mulyankan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
237
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १६ )
में डके । ताकत भुफ्तार न थी एक दो इफे जो कहता था कहां) मगाजस
पीये का बचत बा बहौँ पिसामा मदा। मैं १२ बजे उनके पास आया भौर
पौच बजे ऊहूंसि हमेशा के लिये हमसे कबसत हवासिल की। रंज का अस्त
हहीं है। पैरा कूदत बाजू टूट यया। ज्यादा मैं इस बकत झुं मही
सिश्ष सकता 1९
भुप्दजी को शसामविक मृत्यु के समाकार से भाश्यमित्र' परिजार के ओटे-गडे
सभी सदस्भ प्रॉकविह्वल हो उठे । इस परिषार भ मामिक पीड़ा पे आदिल
अपने उद्दृारों को २१ सिठम्भर तत् १९०० कौ प्रात भारतमित्र का काता
बीईर दैकर इत घम्दों में अमिष्पक्त किया 1
“दृह्स्पतिगारर कपः १७ खिठम्दर को शस अडे एकाएक रशिस्सी मे गुप्ठजी के मिल
पु० मामकच/दजी बैध का मेजा हुआ तार मिशा--पोक है कमर प्रन्प्पा के
* बजे बाबू बासमुझुन्द को मृत्यु हो का । इस तार कौ पहकर हमनोग
अवार हो पम | या बह ! जिम्होंगे टिल्दी 'बंतबाधी छोड़ते के बाद भारत
मित्र वो चअसाकर अपनी ओोजस्विनी केसगीके प्रमाद सै इिल्दो शमाचार पत्रों में
सदोस्द आसत का अजिकारी बचा दिया जिसकी आश्म्यर-ह्वित सरस
और मधुर मापा पर हिस्दों कै पाठक सुस्प थे जिसके फड्पतै हुए सेखों मे
दैए समाम औौर जापा का महुत कुछ उपकार और सुरार किगा अगरित
हि पारुफ पैशा दिये जिस हँसी से भरी हुई शाप और कवितायें पुर
लोग सोट पोट हो जाते भे. जिगड़े उर्दू फेल अपने सामपिक पर्ों में 'प्लप
कर घस्थ होते कै लिगे उ|दँँ के बड़े शायर एडिटर हरसते और तकसजे
पर हडकाने भेजते ने जो तीध्व और व्यप्प मरी जातोचता लिखने में
सिदडझस्त ब जिसको छरी बढ़ने में रिसौ डी परशाह से थी ओ साहिए्य लेबा
अरमसेश! और देख सेबा को ही मृक्य कर्त्तम्प सममते ये जिन्होंने
अपती अगस््वा का अविकांश इन्ही कार्मो में दिवाया मौर भविष्य में जिससे
बी झापता बी भाज बही हिस्रों शोर ऊँ भाषा के सुकृबि मुझेलनर और
खमामोच+क बादू दासमु कुम्द मुप्त वेदस एइर सास की जबस्वा में इस असार
संत्तार हो घोड़ यए। हिल्दी साह्दित्प शुपी गन में सिए भी धर विचरणा
करने बाला पुरप अपना सश्बर एरोर हराप कर परश्मात्मा में सीय होगया।
पुप्ठडी भी जीगनी में बहुत भृछ धुसमे शपमते और गीसने ढी बातें ई।
डसकी हारममंथी सूति आँखों के खझामते मात्र रही है। उसकी शुश्तशाब्री
३ बाड़ मुकुन्द स्माफ़ प्रय पुए १०६
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