श्रीमद्वाल्मीकिय रामायण [किष्किन्धाकाण्ड] | Shrimadwalmikiya Ramayan [Kiskindhakand]
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
214
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about चन्द्रशेखर शास्त्री - Chandrashekhar Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)1$* सोलह एजेण्ट
मुकुम्ददास गृप्त एण्ड कम्पनी
पुस्तक-भवत, बनारस सिटी ।
+>ण्कान-नरे++--ुीच >(ि-.+ु+सातन- ५
आप स्वयं स्थायी भाहक वचिए अपने मित्रोकों भी ग्राहक वनाइः
क्र > | )
[५ हर 1 ह
| सस्ता गाहित्य-पृरतकमाला * ||
1६ |
है सस्ती पुस्तकों द्वारा सवंसाधारणकों लाभ तभी पहुँच सकता है जब कि पुस्तकोंके |
४ विषय बढ़िया और दाम बहुत माकूछ हो । हमने ऐसे कई प्रवत्त करने- '
|; | वालोको देखा, पर हमें ऐसी पुस्तकमाला 'हिन्दी-संसारमें दिखायी न दी। एकाच ६
प्र 1]
५ जगहसे ऐसी कोशिश हो रही है, पर ||
10 6
के धर
हम दावेके साथ ४
बौर साथ ही उनका दाम भी मिलाइए तो _
आप देखेंगे कि * ४
इनले बढ़िया, इनसे सल्वी और अधिक शिक्षाप्रद् पुस्तक बहुत ही कम हैं पर
कमी है ४!
स्थायी ग्राहकोंकी,. * |
पर्याप्त ग्राहक मिलते ही, हम इतने ही नहीं ॥
१००० पूष्ठ १) रू० | 1
देनेकी व्यवस्था कर सकते हैं । . '
कह सकते हैं कि भाप हमारो पुस्तक्ोंकी लीजिए, उनकी दी्कायाकों देखिए रद
॥
छ
0७+ जे. ९०४६०(८/०क 61 अध0 +ध5
5 बे 3%*६(«४९- ८
2५20... 0०-००
“०६०१० ६0
॥ ०१९ पर >पक-य::२1::“ ५७-६८ 7: कात्पएू- ०-० नादपयोला 2 पापाननम्ात्पन्ा पवन.
४ 200%%5००२०/
प्रकाशक-+- तर सुद्गक- ह;
पन्नाढाल मुप्ठ, व्यवस्थापक, शी गणपति कृष्ण गुजर
स० खा० पुस्वकमाला कार्योहूय थे भीलक्ष्मीनारायण प्रेस, जतनवर,
बनारस सिटी । 2 बनारस सिटी ।
चाधकाजटादातातकतकातामतााककाताटपकर: ढपरकाएवरपपमकादा7ध्रारा:+-व्पपदनाक पद वरवानधदा पाल ४२ परजाक १:40 +7-7: ०८ ८०::चह०-प-रताभपशाक भामनालदाभाकाहाावाधा2 कर
। त्तोद--अपता आहक नंबर यहाँ नोट कर लीजिए । पत्रव्यवहारमें उसका हचाला !
अवपबदय दीनिए 1 आहक संख्या शा ३७8 ४79 |
जल न रै- राणा दलमा्काल4॥००७००म ० बी
User Reviews
No Reviews | Add Yours...