उपयोगितावाद | Upayogitavad
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
145
श्रेणी :
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उमराव सिंह कारुणिक - Umrav Singh Karunik
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जॉन स्टुअर्ट मिल - Jon Stuart Mil
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( २६ )
सन् १८देप्दें० में पालियामेगट का नया खुनाव हवा । इस
बार मिल के प्रतिपक्षियों ने बडा जेर बांधा | टारी दल्म तो
बिल्कुल विद्द्ध था ही भारत-हितेषी ब्राइल। साहब के चुनाव
में आर्थिक सहायता देने तथा जमेका के गवंनर को दरड
दिलाने का प्र यत्न करने के कारण बहुत से लिबग्ल दल बोले
भी उसके घिरुद्ध हो गये। परिणाम यह निकला कि इस बार
मिलन चेस्टमिॉनस्टर की ओर से मेंम्वर नि,वथित होने में
शझलमर्थ रहा । वेस्टमिनिस्टर में मिल्र बी अ्रसफलता का
समाचार सुन कर तीन चार श्रन्य स्थानों के आद्भियों ने
मिल से श्स बांतका अःग्रद किया कि ८ह टन के यहां से
उमस्भेद्वारों के लिये खड़ा हो, किन्तु मिल ने फिर इस झगड़े
में पडना उचित न समभृता।
पार्त्रिवामेण्ट के संभट से छुट्टी पाकर मिल ने किर लेख
दिये 7: हाय आारंस्य कर दिया । छिप तं्कीजा हैँ
५४ ४०७ अर्थात् ' स्िया की पराध्यीनता ” नामक पुस्तक भी
छुपा कर प्रकाशित को ।
सन् २८७३ई० में ६७ वर्ष की आयु में मिल ने इस संसार
को सदेव के लिये छोड़ दिया ।
४ हक मगफरत करे अजब आजाद मर्द था ”
उमराबव सिंह कारुणिक
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