चिट्टी पत्री | Chitti Patri
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
218
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)€ | चिट्टीयत्रो
साम से किताडे लेकर मेरं पास मंज टिया करेंगे । बूत में इसाहाबाद बनारस
वर्मरह कौ गर्म हवा साऊंगा
सजर थे शाविश-बाला मजमूत बापस मांगा था घोर क़रमाते थे कि मेने
महू ठरमीस के प्षिये सेणा वा | प्रपर भ्राप उसे ध्रासामी से प्रसहदा कर पर्के
यामी रही के टाकरे म पडा हुम्मा हो सो सेज दीजिये । उर्हीं के सर पटग बूँ।
प्रबशों तो शायद #जरत सरपर एड्ग्ड हृपतुम' का नोदा' कद रहे होंगे ।
हिस्दी पर्च का जया हम्म हुप्रा ? सोती उसकी लंजबौज सटाई में पद गयी या
बारो है। विकृतसे शाला हो तो हिखी विपनले दी धादत डालूँ।
प्रिस्टर रामगएम की लिद्मत में मेशा गसाम कह दीमिएगा ।
पभ्रगयी सरस्वती से मारश बररह़ पर तीस हसबीरें घक्तौ गिफार्सी भौर
मूरशरा पर मडमूत प्श्या है। भाप भी हिल्दी सिहरेचर पर मशाभीस भिए्शने
का दंग निकातिये । सूरम तारायन मेहर शायर सिरसे। प्रौर शश्दीक ब हुर
कौ णा एबर हो परास-पड़ोग को उसग मत्तसा कीजिय ।
सजर साहब में प्रपते रिसासे को बिल्लुस इसस्तामी इप पर अखाग था
ब।ह्ा उटामा है। भौर हया मिगूँ।
रादिण
घतपतराय
मात्रिस बाप्ता झजमून जब्र भजिय । श्राज फिर बाण है। जब धापर गद्दाँ
उगदी पिमहात जख्रश भगहीं है तो थागे दीजिय। रपये मित्र फगे। जहद
बरुबगा ।
१०
हपात भोर दिपि ही है ।
प्रमुतागन' भद ११ १२ में
अहोबे से सिपा पया |
मपण मबरदा जनाए ॥शेटए सार जमाना
हगधीम । रिसाशा जगाता का सादे ररस्भर था वर्षा दैरपर मर लिस में
अर्द रायालात 7िशि हुए शिऐ घड बर हेसा मं घना एज सममता हैं । उम्मौद
है वि जराब को शासशार से होगा । हग बने में जब हि गूसायूँ। प्रयलाहीर
गियागी शघाशए गेर प्लोर इशामायौ* झंगालल हमारी तमामतर हंबजो के
मराणएक है पके या दैशरर पर्गाय हुथा कि रिगासा उमराता था परीद
है अप पर मिली गधोक हा ३१४ हर शोक रै २४ बाय ६ पारदद
मरबाए अब नल ! छणकक््री
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