सिंधी जैन ग्रंथमाला | Sindhi Jain Granthmala
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
229
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सिंघी जैन ग्रन्थमाला
जैन झागमिक, दारैनिक, सादिलिफ, देतिधासिझ, फथास्मझू- इट्यादि विविधविषयगुम्फित
प्राकृत, संस्कृत, अपक्श, प्रादीनगूजर, राजस्थानी णादि नाना भापानियद
यहु उपयुक्त पुरातनवाध्यय तथा नदीन संशोधनाव्मक
सादिश्यप्रकाशिनी जैन अन्यायठि ।
कठ्फतानिवासी सर्गल श्रीमद् डालचन्दजी मिंघी गेशिपप्पस्ततिनिमित्त
तपुत्र श्रीमान् वहादुरसिहजी सिघी फेक
संख्यापित तथा प्रकाशित
>> 632५९१७--..-
सम्पादक तथा सशालक
मिनविणय मुनि
( सामान्य समासद-माण्डाफर प्राव्यदिद्या रंशेशयत मन्दिर पूना, तथा गुजतत सहिससमा भद्मदाबाद;
मूतपुकेचार्य-गुजणव पुरातरूदमत्दिर भहमदजाद; जैनवाइमयाघ्यापक-विश्वमारती, शन्तिनिकेतन;
प्रकृतमणादिल्रधानाध्यापद-भारतीय विद्या भवन, बम्बर; तथा, जैन सादिससंशोधक ग्रन्यावद्धि-
पुरतस्वमन्दिए अन्थावद्ति-माजीय दिलद्या प्रम्धावक्ति-दाशा प्रशित संछत-प्राइत-पारी-
अपफ्रंशशआदीनगूर्ज-हिन्दी-भदि नाता मषामंय-अनेकनेक ग्न्प संशेष्-छा्पाइक । )
अन्धांक ह$; मूल्य रू. 8-८-०
प्रकाशन-कतो
6
बाबू श्री राजेन्द्र सिंहजी सिंधी
सिंघीसदन; ४८, गरियाहाट रोड;
पो० वालीगंज, कलकत्ता
स्थापवाब्॒द ] सर्वाधिकार संरक्षित [ वि. से. १९८७
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