टुकड़ो में बंटा आकाश | Tukadon Men Banta Aakash
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
615 KB
कुल पष्ठ :
102
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बन्धु ! सुनो
टुकडो में टूट रहा आसमान
एक साथ चलो कई लाख हाथ थामे
समय उठा तेज हुई दवी हुई आहट
पुलक उठी घरती के माथे की सलवट
धूप ने बगावत्त की
दहुक उठी फूलों के ओठ जडी रोशनी
अश्व हुए विश्रवृखल, लुढक गया अ शुमान
टूट गई किरणों की
रेशमी लगामे
बिदक गई हवा कट्ढी अथ कुछ नया होगा
वेचारे निष्कर्मा क्षितिजों का क्या होगा
अधघटन' का द्वार खुला
टूट गया
नकली आवाज़ो का सिलसिला
शिखरो पर आरोपित ढहे सभी कीर्तिमान
लिपट गई
मृत्युमुख विकल्पो से झामे
रचना १९६५
प्रवाशित|वातायन १९६७
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