जर्मनी का विकास भाग - 1 | Jarmani Ka Vikas Bhag - 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
190
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दूसरा अध्याय ।
जमनी के तीन विभाग़ ।
छुपी अथवा जर्मनी के छोग, इस विषय में सर्वे
साधारण सिद्धातों का निश्चित करना, वड़ा कठिन
काम है। “जर्मनी” इस एक शब्द में भिन्न भिन्न छब्बीस प्रार्तो
का वोघ द्वोता है और इन प्रातों में भिन्न भिन्न प्रकार के
छोग निवास फरते हैं। उन प्रा्तों में भौगोलिक दृष्टि से भी
, बढ़ा अतर है । उनके राजकीय इतिद्दास फा स्वरूप भी बिल-
कुल भिन्न भिन्न है। दर एक जाति की उपजातियों के भी
बहुत से भेद हैं“और घरों की रहन सहन तथा ज्ञान-प्राप्ति के
मांगे भी भिन्न भिन्न हैं | इस भिन्नता के कारण, सर्वस्ताधारण
सिद्धारतों का स्थिर करना बड़ा कठिन काम है | परतु यदि
सावधानी के साथ विचार किया जाय तो इस बात फा
निम्धित कर छेना बिछकुछ असभव भी नहीं है। जमेन राष्ट्र
के यदि कई विभाग कर दिए जॉय तो इस बात का बताना
बहुत आसान दो जायगा | परतु ये विभाग निर्दोष अथवा
/ प्रमाणबद्ध होंगे, यह हमारा सिद्धात नहीं है। परतु यदि
जमनी और जमन छोंगों का ठीक पत्ता छगा कर, उनका
हाल जानना है, तो ऐसी योजना किए बिना, यद्द काम होना
! अस्नभव है और यदि ऐसा किया जायगा तो भिन्न प्रकार से
(कुछ न कुछ स्थानिक मर्यादा त्याग करनी पड़ेगी ।
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