सिरजण | Sirjan

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Sirjan by तेज सिंह जोधा - Tej Singh Jodha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कूठ लें, कुटण में पाछ मा राख झाज मौकौई भलो है, थारा पापा ई दिल्‍ली सूँ काल तांई झासी । यौ म्हने की मी कौर ससी मे के वै-मम्मी री भलौ चावै है तौ भबेई ऊठ जा । बा लाण छोरी ने पठक'र बारे तिकछ जावे । बीर जावतांई कौ कै वे रमा, खिड़की दरवाजे बन्द कर दे और इस छोकरी को भी बाहर डाल दे | रमा आपर धणी री आग्या रौ पालण वड़े चाव सूं करे। म्हारी फेर जम'र ठुकाई हुवे ! म्है कद चेते चूक होवूँ अर कीकर प्रस्पताढ्व में शावूं, म्हने की ठा नई पड़े । बाद में ससी कहयौ--म्हूं तो बारँ आ्राय ने पाड़ोस में सूँ वाने फोन क्र दू' । वांर सागे चौक में जावूँ जणा थे ऊधा पड्या दीसौ | थार मूर्ड में सूं खून निकछतौ देखर बे ई धवराय जावे । वे थाने उठा'र बस गाडी में नहांखताई हुव॑ अर झर्ट अस्पताक में लिग्रार्व। म्ूं ई अंजू में लिया बारे सागैई ग्रढे श्राय जावूँ । परवार में राड़ रो मोटो कारण बरो सासू-वऊ रौ नीं बणणो । पर मूँ तो सर सूंई इण बात रौ ध्यान राख्यो। सात बरस पैला रम श्राई जद सू' ईं महू ती बख ने बेटी सूँवेसी मानश लाग ग्यीही। सुधा श्र कुम्मी गरमी री छुटद्या मे झावती जणा कह्या करती--रमा तू है तकदीर री सिकन्दर, देख म्है बैतां दोय दिना खातर झावा पण मम्मी महा सू' बेसी ध्यान थार राख । रमा ई हंसती-हंसती कह्मा करती--जीजी थे श्रढे कौई हमेसां तौ रैवौ कोनी, मम्मी ने तो बस म्हने ई खुवावण पावण री ग्रादत पड़ री है। सरू-सरू में रमेस रो मेंडीकल स्टोर खूब चाल्यौ, पणा दोय साल बाद ई जांण उणने कीकर घाटों लाग्यो अर उखने बन्द कर देवणी पडथौ। पाछो सरू करण मे पाच वरस लाग्या | उस टेम मुकेस रो घंधो खूब चाले हो। द्रान्सपोर्ट कम्पनी मे काम तो करतोई ही सार में श्रेक बस ई चाले ही । वो झापर भाई रो घणो ध्यान राखतो । बौ रमेस ने कदेई मंसूस नीं होवश दियो को वो ठालो है । उस ठेम ई रमेस ने हावुसिंग बोर्ड रो मर्कांन श्रलाट हुयो । मुकेस बी बखत सूं च्यार सौ री किस्त हर महीने आज तांईं भरतों झाय रैयौ है । भेडवान्स रा दस हजार ई मुकेस रा पापा ई भर्‌या हा । रमेस री तौ बस कागदा में नाम ई है 1 जद तांईं मुकेस रो ब्याव नीं हुयो बौ भाई-मोजाई रो लाडेसर बण्यौ रँयौ । वे दोन्यू' म्हारो ई घणों ध्याव रासता । रमा बैठी ने पाणी पावती, भसामछ मत/9




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