उसका सपना | Uska Sapna
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
84
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)छलने सारे खुय्य
आनद | जय तुम सीढिया चढते थे । तब मेरे दिल की घडबन तेज ही जाती
थी। लगता था तुम सीढियाँ नही चढ रहे, मेरे दिल मे दस्तक दे रहे हो ॥
और देसत ही देसत तुम सामने ञ्रा सडे होते । मैं तुम्ह देख कर गुलाब वे
फूल की तरह मिल जाती । तुम मुझे अपनी बतिप्ठ बाहो के घेरे मे कस लेते ।
और मैं छुईं मुई सी तुम्हार सीने से चिपक जाती और न जाने कब तक तुम्हारे
शरीर की मादक गधघ का अपने नथुनो से पीती रहती । फ़िर तुम कोने मे रखी
कुर्सी पर बढ जाते और मु्के सीच कर अपने पहलू म॑ बिठा लेते। बढे बैठे धण्टो
भुजर जाते पर तुम मुझे अपने से अतग नही करते । मैं सोचा करती काश !
प्यार के इन लमहा को एक पूरी उम्र मिल जाती ।
पर सोपने वाले की श्रारजुए कब पूरी होती है। एक्भयबर तूफान आया और
हमारे प्यार बए घासला निनके तिनके होकर उस तूफान वी भठ चढ गया ।
भ्राज जब इस सून कमर में बठ कर गुजरी यादो के भरोखे म भाषती हूँ तो सिवाय
एक बियाबान जगत के कुछ भौर दिसाई नही देता ।
तुम बया जाना जुटाइ का गम कितना ददनाक होता है । मैंने अपनी कई राते
और दिन क्तिनी वदहवासी मे ग्रुजारी है, यह मेरा दिल जानता है ।
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