चन्द्रप्रभ चरितम् | Chandraprabha Charithramu

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : चन्द्रप्रभ चरितम् - Chandraprabha Charithramu

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अमृतलाल - Amritlal

Add Infomation AboutAmritlal

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
सुधादीकोपेतम्‌ १६ सबेज्ञं कनकमयेः समच्ये पुष्पे: कल्याणेडहनि सह तेन वंशवबृद्धेः' । श्रीवमे्ववनिभुजाइथ तस्य नाम श्रीशब्दानुगतमकारि महुलाय ॥ ७५ ॥ उस राजा ने अपने वंश वे बड़े यूढों के साथ किसी शुभ दिन में स्वर्ण पुष्पों से स्बश्ष भगवान्‌ की पूजा कर उस राजकुमार का श्रीवर्मा नाम रखा। भन्नल के विचार से नाम के प्रारम्भ में श्रेशब्द और लगाया गया था। मैथिल विद्वान्‌ अब तक अपने नाम के प्रारम्भ में श्री शब्द का प्रयोग बरते हैं ।| ७५ ॥ विद्धद्खिलांसस्‍्तेजस्तीआन पराननतान्नता- नवनिममितामोजोभि: स्वेबंश विवर्शा नयन्‌ | निधिशतमहालाभेभ भ्रच्छतग्रहितेध ने- रुदयनिलये जाते तस्मिन्ननन्द स नन्‍्दने ।॥॥ ४६ ॥। इति श्रीवीरनन्दिक्षताव दयाड्े चन्द्रप्रभचरिते भहाकान्ये तूतीयः सगः ॥ ३ ॥ >«०ाान्‍० पट सी केक फल कि के. .है,/फै)/ै//कि: कमरा भनक तन उस होनहार राजकुमार के जन्म लेने पर उस राजा की चारों और से समृद्धि पढ़ने लगी--बढ़े-बड़े तेजस्वी राजे; जो कभी नहीं झुके थे, अपने आप झुकने कंगे। इस से राजा का तैज और भी अधिक बढ़ गया । फलूतः बह भमि भी अधिकार में आगयी जिसे शत्र लोग छोड़ना नहीं चाहते थ तथा और सेकड़ों राजे भेद में अपरिमित सम्पत्ति भेजने लगे ॥ ७६ ॥ शत ततीय: सगे रन फप्टर(2.२)००० ह# व्वननमते > अमर ७४ ॥॥००म्यमपास+>>न-, ४ भजन. #िकक से काआ+-॥० 1. हे अप नधानाम न का किनीनीन ओरीमममबाकब १ कुलवृद्धजने: । २ उदयनिलये तस्मिन्नन्दने ज।ते अखिलानू तेजस्तीजानू ( अत पत्र ) अनतान्‌ ( >+अनम्रीभूतान्‌ ) परानू ( रशयत्रुन्‌ ) नतान्‌ू विदधत्‌ ( #कुबैन ) ( तथा ने) विवशा।म्‌.( ब्यभवशीभृताम्‌ ) अमितास ( >अपरिमिताम ) अवर्नि ( +>पृथ्वीम ) स्वेः औजोमिः ( सूबे: ) बशां नयन्‌ स ( +-श्रीवर्माख्यों नप:) निभिशतमदारूमे भूभच्छतप्रदितेः ( शतशो नुपप्रेषितेः) धनेः ननन्‍द! इत्यन्वय: । स्वैरोजोभिरिति पढे शत्रणां नम्नीकरणे<पि वा सम्बन्धनीये । इति साहित्याचार्य प० हरगोविन्द्शाखिकृत टिप्पणी रुमाप्ता।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now