किरातार्जुनीर सर्ग - 2 | Kiratajuneeyam Sarg-2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
289
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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९ « महावाध्यमिद नारिवेलापम नाति सुगम न वा सुच॑
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-(शॉ०) शिवशरण शर्मा
संस्वृत विमाटाध्यक्ष
शासवीय महारानौ तंद्ष्मीबाई महाविद्यालय, खालियर मं० प्रं०
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“इस टीका के माध्यम से छात्रवर्ग अध्ययन कर व्यूत्पतन होगा
मुर्>५: इृंढ विश्वास है। सस्वृत साहित्य वे अध्ययन की ओर
आशप्ट करने हेतु इसी प्रवार सस्दृत वाब्यों को वैदृप्यपूर्ण
अफधिकाधिर प्रकाशित होना राष्ट्र हित में है। सस््तृते और
७टीवाएँ सुवोीध सरव एव बिशद हैं | काव्य मर्म प्रकाशन
हैं। गह दीता देखकर मैं पूर्ण सन्तुप्ट होँ। इसके
/ शुम वामना बरता हू 1
--राजाराम शहस्दों गाश्गोल
(महामहीमोपाध्याय )
रा० म० महावियानय खालियर 1
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