खाद | Khad

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Khad by मुखत्यार सिंह - Mukhatyar Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कूट्टा करकट औौर गोबरकी खाद १५ /श 3 >> >> >- ७. झाता है। कूडेकी साद या पांछके सम्पय खिपानी को बहती बातें जाननो भादिये भिनका व्योरेयार वर्णन दम नोचे छिस़ते हैं। गोदर, छीद तथा मसींगन भर्यात्र ढोरो की विष्ठा मिम्त मिल्‍्न कारणों से भिन्न प्रफारदी ह्ोतो दूँ । एक पद्मुक्ी पिछ्ामें साधारणत जो गुण पाये जाते हैँ, वे दुसरे पशुके गोबरमें मद्दी पाये जाते। ढोगे को जो चारा दिया जाता है एसके फारण भी उनकी विप्लामे अन्तर द्वोता है। ठोरकी उम्र तथा स्वास्थ्यका भो उप्तह्नी विप्ठापर बड़ा प्रभाव पडता दे, जेसे छोटी अप्रऊ ढोरकफे गोमरमें नत्रजन, पुटाश ठया प्रस्कुरिकफा अश कमर पाया ज्ञायया और युवाके गोवर- में अधिक तथा चुट्टेफे गोयरमें छछसे भी अधिक होगा। फाम परनेवाढ़ेफे मोयरमे अधिक भाग इन उपयोगी पदा्ोका होगाश्ष्योंकि इसफा शरीर मोटा नहीं द्वो पाता, परन्तु सड़े रहनेयाले ढोरके गोबरमें इस पदार्थों की मात्रा कम होतो ज्ञायेगी। जातिके अनुसार घोडे की ठीद गोके गोबरकी झपेक्षा गरम समझी जाही है, उप्तमें जलश्या भाग फम द्दोनेसे तोनों पदार्यों की मात्रा अधिक होती दै और नत्रजनका भाग झधिऊ द्वोनेषे कारण ही वद्द शीघ्र सडने छगती दे । अगले प्ृष्ठके सानेमें बताया जाता है कि किस ढोरके गोबरमें कितनी माता किस उपयोगो पदार्थकी पायी जाती है। मर यद्द लेखा १००० सेर ताजे मडका है। इससे यह पता लगता है कि भेडकी लेंडीमें सबसे फम मात्रा पानीको द्वातो है। हसमें नप्जन तथा प्रस्फुरिकाम्ल अन्य खादोंसे सधिक द्वात्म दे । पुदशकी




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