मध्यप्रदेश का इतिहास और नागपुर के भोसले | Madhyapradesh Ka Itihas Aur Nagpur Ke Bhosle
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
220
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आनन््म्वश 1 पु
453०2 जनरल पल ा1 2८
पुराणोंमें मिलती है। मस्वपुराणमें ३० राजामोंके नाम मिडते हैं,
पल्तु अद्माण्डपुरणमें २४, उ्पुाणमें १८, विष्णुपुराणमें २४ और
मागउत्तमे २३ नाम मिलते हैं। इन प्ृरररणोके अनुसार इनके 256०
पर्फके राजलक्ालका पता चढता है।आयशेका मृछ प्रात्त तिउंगाना आर
राजप्रानी धन्यक्टक थी |
आ्ोके नाम भी एकापिक हैं---अर्थात् आप, आप्मृत्य, शाव्यिहन,
इतयाहन और आतऊर्णी। सागयतस प्रता चठता हैं कि काणप्रश्ीय
मुशर्माकों मारकर उसका आध्र जातिसा नीच सेउक उडी ! कुछ
काड तक पृथ्वीको भोगेगाट | खर्गीय सर रामकृष्ण माढारकरने कृष्ण,
आतकर्णी, अक्तिश्री, वासिष्टीपुत पुछ्मायी, गौतमीपुन यतथी, माटरीपुत्
शकमेन, शिमुक शात्पराहन आदिके नाम गिल्यछेसोमे पाये हैं। नाशिय्की
कर्रामे 1 जो छस मिड है, उससे पता चलता है कि विदर्भ ( जरार )
और अनूपतटेश पर गीतमीपुण आतकर्णीका सत्य वर्तमान था |
निदान आ्ोका प्रभात इस प्रान्तसे ई० स० 9२२ के रुगमंग
सतत हो गया*। अबतक उनके सम्बधका एक भी स्मारक इस प्रान्तमें
नहीं मिछा है ।
* हत्या कण्व सुझमांग तद्ूद्रो इपले बली।
गा मोश्यलाथरएीय कशिप्छाऊससत्तम ॥२ ० सागवत स्काघ १२, ज० १
1 “रात रक्छे सोठमीपुनस्व दिमवतमेस्मद्रप्यत्समसारस भसिक्असक
मुछऊ-मुरठ-कुऊुर-आपरत अनुप विदुभ-नकरावतिराप्स सातवाइन-
कल्यसरपतिथापनकरस 17?
4 नमदाया उत्तरीय ( क्छारका ) प्रान्त अनूप कहटाता था, तिसमें बतमान
जपरुपुर क्मि रशाका अधिकाश माम चम्मिटित है।
2 सिसेण्ट स्मियके अनुसार उनडा समय ईसाफे पूच २३२ ( विक्म सवनके
पूप १७५ बष ) के विकटसे ईैं० स० २२५ (वि० सम्वत् २८२ ) तक था।
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