शेली | Sheli

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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यार करता था, पर दैरियट का सातूरेह, पिशसनेह के बराबर न था, उधर आर्थिक संकटों के साथ-साथ मिस ऐलिजाबेथ वैस्टन्नू क॑ घर में निरंतर कल्नह का फारण बन रही थी। निदान शेली के पीछे एक दिन दैरियट अपनी बहिन के साथ अपने घर चली गई। शेली इन दिनों गोडविन-परिवार में आता जाता था, जहाँ उसकी सेंठ गोडविन पुत्रियों ' से हुई--- देरियट की उपेक्षा ने शेज्नी को दूर ठेत्ल दिया, और अब वह अझधिकाधिक मेरी गोडविन की ओर आकर्षित होने लंगा । लन्दून में 'अपने पिता के घर दैरियट ने दूसरे पुद्ध को जन्म दिया, जिसका नाभ वाल्से बिसी शेज्ी रक्खा गया | कुछ लोग शेली की इस बात का नकिे यह बाज़क उसके सम्बंध से नहीं था, समर्थन करने हैं! पर इस सब फे बावजूद भी, शेक्षी का दैरियट के साथ व्यवहार सदा ही बड़ा उदार रहा | वह दूर रहते हुए भी संरण्षक की भाँति उसकी कठिनाइयों फी ऐसख़ रेख फरता था ओर आर्थिक सद्ायता भैजता था। थोड़े दिन उपरांत, शेज्ी और मेरी परस्पर स्नेह-सूत्र में गुँथ' गये। मेरी अत्यंत सुधरी और स्थत॑त्र विचारों घाली तरुणी थी, और ऐसा होना स्वाभाविफ था। उसका पिता गोडविन् इम्लैंड फी महान बैचारिक क्रान्ति का प्रणेता था, और माँ, वृल्स्टोनक्राफ्ट से प्रथम क्रान्तिकारिणी महिलाओं में से थी, जिन्होंने नारी की स्वत्यरत्ा की आवाज उठाई थी । शेज्षी के सौनूय्य से भी अधिक उसकी मान- वीयता और शिशुसुल्लभ स्वभाव ने मेरी को मोह लिया। कवि का भी प्रति बड़ा आफर्षण था। वस्तुतः 'प्रेम” जैसी वस्तु से परिचय उसका अभी ही हुआ। दोनों एर्तेंड छोड़ कर चले गये। साथ में 'क्लेरा' भी गई । गोडविन और श्रीमती गोडविन दोनों शेज्षी से बड़े नाराज हो गये। यह तरुण दल फ्रांस धूमता हुआ, वहाँ के नष्ट भ्रट झाकाल- प्रसित गाँवों और नगरों में घूमता हुआ स्थिटजरलेणएड पहुँचा । उसके (रिथोल्ट अपर) अनेक हर कं विभीषिका की स्प्ृति फा घना रपशे है, आतिश्य” शीषेक हमारे काव्यांश, का आधार, जिसमें युद्ध के तूफान में हूटी हुई स्यः पुत्रहीना मा के दैन्य और *मिसर मेरी बृज्षस्टोनक्रापट गोडविन--पहिल्षी स्त्री से, मिस पैनी वक्षेरामेयद था क्लेरा -+दूसरी पत्नी के पहले पति से-मिश् फनी 'मौडविम--- ( दूसरी स्त्री से ) | बारई | [ शेक्षी




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