अक्षरों का विद्रोह | Patrakshao Ka Vidaroh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
772 KB
कुल पष्ठ :
118
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)एक ईमानदार प्रणय-गीत
यहा आओ
और रख दो मेरे होठो पर
अपने दहकते गुलाब,
भर दो मेरी वाहो में
अपनी देह दे अगारे,
घधका दो मेरी धमनियों म
ज्वालामुखी लपटें,
मेरी नम-नस में डाल दा तेजाब,
अपनी जुतफा से कहो-
मुझे डस ले सौ बार,
आज की रात ता
हो जाने दा मेरी मौत,
बनने दो चाद का
इस हसीन मौत का गवाह
मेरे खून को खून की प्यास है
मेरी देह् को देह् की भूख है 1
अर # 5.2» 1/
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