चेखव की श्रेष्ठ कहानियाँ | Chekhav Ki Shreshth Kahaniyan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : चेखव की श्रेष्ठ कहानियाँ  - Chekhav Ki Shreshth Kahaniyan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about चेखव - chekhav

Add Infomation Aboutchekhav

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
भोरिवाक्ो १० भणगन | सह कितना अर्जी द दे कितमा अजीब है [? ऋफगा पिर पद दर पे कद्दता यपा ( ' रघ़े कामप इसमे भ्रष्छे प्रस्ताव रखे सण प-प्रिस मारतुषुव भौर चौर दूसरे । दिस दसऊड्री एज करता दे प्रीर झामी पिएज्े पुपयार को इसक स्पर्गीषर दाता, इक्षारिपाक,न पट्ट रिशिच्रल पोपया कौ पी कि ०रिपाने उसकी ब्ोड़ी दक्ोरे-रिरियवित हप स | इसका दादा दृघारिषाल, सर धपा हे मगर बह झ्ारध५्शत्क सर्प पुक चुदधिमान स्वड्नि है, एम राझ रसप्री कम्मा को पुम्राठ है? इस बाट बीत के बाद मैं सारी शरद जाय द्वुधा पद रहा भौर त॥ चपने श्राप को धोशी मारमे की सोपी $ सुरझइ हाव घर मिति पंच पऋु किले कौर दब सबको फाड़ दाक्ता | हिर में सखिदान में लफकर रोठा रहा हसक याद मैंने पिता से कुप घन छिंया भौर दिपा रहैवा रास्ते क्ररेशस को अह्ू पढ़ा। बेराक बुक भौरत एक झौरत हे और एक भर्र पक मर इ खेडिए जगा अइई सद इतता ग्रापाव हो सकता हई शितता कि पत्नव से पडस्ने था, और बपा ऐपा हो सडठा ई हि में पृछ संस्हृत सजुप्प दिसकझा झ्रारिमिेड पंगरभ द्टा पेपौता ई रस एयर घराष्ष्भय की दबात”। करू झो में एक जारी के प्रति अमुमद करता हूँ लि श्स ब्परथ कि डसहौ शारीरिक धना- अर भुझ्से मिद् दे! भाई, पद कितया भयातड़ होफ | में दि्बल्स इएता चाएता [ हि महति से धंरर्प करने में मचुप्प बरी धुदि शारैरिक दैम छ प्रात सी संपरशीक ईदी है मानो राजु के साप संपर्प कर रही हा अर बद कि शझार उसमे इस पर विज्प बही धस्स ढौी एलोमभी कम स्त दम बह इसे साईचारे झर प्रेम % स्वप्णयात में छयाद करने से ता सच्छ दो ही या है, 'बौप सर हिय, हढिपा मे रिपी रार पद भष मेरी पणारिी मट्टति बी श्यपरण ८द्वति थ रदकर रैसी हि कत्े और पेंटडों मैं दवारी है, सच्य प्रेड दव एएँ ई झीर पा्एक झाि[भ ह दब की पविद अपना झौर मी हे प्रठि सम्पाभ ढी माषता के कारत ब्राष्पासिश अब पच्य हू!




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now