फूल खिले काँटों में | Phool Khile Kanton Men

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Book Image : फूल खिले काँटों में  - Phool Khile Kanton Men

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पीड़ाओं का तेल डाल कर हम जलाते हैं दीप हँसी के। देदना के रबरों में हम गाते हैं गीत खुशी के। वे क्या समझेंगे हमको जो नहीं समझ सके अपने की ! ये कोदियों में घुट रहे हैं हम फुटपाथों पर जी रहे हैं अपनी मस्ती में।




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