राम कहानी | Ram Kahani

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Ram Kahani  by शुद्धात्मप्रभा टडेया - Shuddhatmaprabha Tadaiya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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17 दूसरा दिन पुष्पांतक नामक नगर बसाया और केकसी से विधिपूर्वक विवाह कर उसी नगर में सुखपूर्वक रहने लगा। एक दिन केकसी ने रात्रि के चतुर्थ प्र्हर में तीन स्वप्न देखे- (१) गर्जता हुआ एक परम तेजस्वी महाबली शेर हाथियों के कुम्भस्थल को विदारता हुआ आकाश से पृथ्वी पर आकर मुँह में से होकर गोद में समा गया। (२) अपनी किरणों से अंधकार को दूर करता हुआ द सूर्य गोद में आकर बैठ गया। (३) कुमुदिनी को खिलाता हुआ और अंधकार को दूर करता हुआ पूर्णमासी का अखण्ड चन्द्रमा। आर २3००» 2००००- हे हक व्ख्र्य्य्ाप्फा 1520 हक 4 नहपव्य कुक न * चैक) ७ /” 9.८ ] 5३०, 42 ०9० *' उक्त स्वप्नों का फल जब रानी ने राजा से पूछा, तब अष्टांग निमित्त के जाननेवाले राजा ने इनका फल बताते हुए कहा कि हे प्रिये | तेरे तीन पुत्र होंगे। जिनकी कीर्ति जगत में फैलेगी। वे बड़े पराक्रमी, कुल की वृद्धि करनेवाले, महासम्पदा लेट हू पोगनवाले के भीगनेवाले, अपनी दीप्ति से सूर्य को जीतनेवाले, कांति से




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