अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध | Antarrashtriy Sambandh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
909
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पेरिस छा शान्दिन्समकोता <ु
'विल्सम से राष्ट्रधघ के नाम पर प्राय अपनी अधिकांश बातें मनवाने में सफल हुए ।
फिर भौ, पेरिस सम्मेलन में यदि परा जितों के साथ घोडी नरमी बरती गयी तो बह
विज्सन के कारण हो? वास्तव में यदि सम्मेलन में विल्सन न होता तो न जाने
काम नल यम जाज॑ और विशेषकर किलर्म: १ विल्सन ही एन उनकी
असम जाक्राक्षाओं पर अकुश लगाता रहा ! यदि विल्स॒न न होता तो फ़ास- हमेनी
का नामोनिशान मिट्य-देत-॥# नामोनिशान
कुछ लोगों का कहना है कि स्वय पेरिस में विल्सन ने एक भारी भूल
को । यदि वह वाशिगटन में हो रहकर अमरीकी प्रतिनिधियों को आदेश देता रहता
तो स्म्मव था कि उसका प्रभाव ओर अधिक होता । लेकिन विहसन को समसे
अधिक चिन्ता राष्ट्रघ क लिए थो और वह चाहता था कि विश्व सस््था के
विधान का निर्माण वह स्वय कर /
विह्तय के सामने एक औौर कठिनाई थी । इस समय अमरीकी जनता का
समथन एसे प्राप्त नही था। नवम्बर, १९१८ में अमरीकी कॉयेस का चुनाव हुआ
जिसमें विल्सन की डेमोक्र डिक पार्टो का बहुमत प्राप्त नही हुआ । विल्सन के सह-
योगी विशेषकुः क्लिमेंशों उसकी इस कमजीरी का समझते हैं और उन्होने इससे
खूब लाभ छठाया ||
छायड जाजा --इ गलेंड क लिबरल दल क नेता तथा प्रधान मन्प्री लायड जा
(11056 6९०४४० ) घपने युग का सवर्भेष्ट कूटनीतिश था। शान्ति संधि के
सम्बन्ध में उमकी अपनी अलग धारणा थी । सम्मेलन में आये के पृव ब्रिटेन में
आम चुनाव हुआ था 1 इसमें जमनी के साथ कठोर व्यवहार करने का नारा लगाया
गया था ओर इन्हीं प्रतिशोधात्मक £ नारों क आधार पर सिबरल पार्टी चुनाव
में जीती थो । ब्न्ति लायड जार्ज एक दूरदर्शीं राजनेता था। फ्रास जमनी को
सदा के लिए कुचल देना चाहता था, लेकिन इ गलैंड का हित इस बात में था कि
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बदले शिलियग और टन के बदले टन वसूल किया जात
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