अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध | Antarrashtriy Sambandh

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Antarrashtriy Sambandh by दीनानाथ वर्मा - Dinanath Varma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पेरिस छा शान्दिन्‍समकोता <ु 'विल्सम से राष्ट्रधघ के नाम पर प्राय अपनी अधिकांश बातें मनवाने में सफल हुए । फिर भौ, पेरिस सम्मेलन में यदि परा जितों के साथ घोडी नरमी बरती गयी तो बह विज्सन के कारण हो? वास्तव में यदि सम्मेलन में विल्सन न होता तो न जाने काम नल यम जाज॑ और विशेषकर किलर्म: १ विल्सन ही एन उनकी असम जाक्राक्षाओं पर अकुश लगाता रहा ! यदि विल्स॒न न होता तो फ़ास- हमेनी का नामोनिशान मिट्य-देत-॥# नामोनिशान कुछ लोगों का कहना है कि स्वय पेरिस में विल्सन ने एक भारी भूल को । यदि वह वाशिगटन में हो रहकर अमरीकी प्रतिनिधियों को आदेश देता रहता तो स्म्मव था कि उसका प्रभाव ओर अधिक होता । लेकिन विहसन को समसे अधिक चिन्ता राष्ट्रघ क लिए थो और वह चाहता था कि विश्व सस्‍्था के विधान का निर्माण वह स्वय कर / विह्तय के सामने एक औौर कठिनाई थी । इस समय अमरीकी जनता का समथन एसे प्राप्त नही था। नवम्बर, १९१८ में अमरीकी कॉयेस का चुनाव हुआ जिसमें विल्सन की डेमोक्र डिक पार्टो का बहुमत प्राप्त नही हुआ । विल्सन के सह- योगी विशेषकुः क्लिमेंशों उसकी इस कमजीरी का समझते हैं और उन्होने इससे खूब लाभ छठाया || छायड जाजा --इ गलेंड क लिबरल दल क नेता तथा प्रधान मन्प्री लायड जा (11056 6९०४४० ) घपने युग का सवर्भेष्ट कूटनीतिश था। शान्ति संधि के सम्बन्ध में उमकी अपनी अलग धारणा थी । सम्मेलन में आये के पृव ब्रिटेन में आम चुनाव हुआ था 1 इसमें जमनी के साथ कठोर व्यवहार करने का नारा लगाया गया था ओर इन्हीं प्रतिशोधात्मक £ नारों क आधार पर सिबरल पार्टी चुनाव में जीती थो । ब्न्ति लायड जार्ज एक दूरदर्शीं राजनेता था। फ्रास जमनी को सदा के लिए कुचल देना चाहता था, लेकिन इ गलैंड का हित इस बात में था कि + ए छात्त१91,. #िशषब्कार९७ प्रीछ्रशा9 डट्वए+5 4गिक, 9. 395 1 छप्री80त्र 8 8४0९घ087906 &10 8 एंब्रपरष्या 2९8०७ 00ं्रशिशा08 फ़ाछ 8 80५१७ शाएत7 रण वुप्पेएल्ण्धा... 10 छण्पाॉठ ए४४०७०४९१ए ॥&२8 ९४७ ००:४६ 111. 80 ल्]00860 #& कछाड€पे 6871 ० एशाण्ट: छावे 1०छाफ)।९ब्ता8 ६0 उ९ए168७1५ जञ18 ए1९४8 म्छ ए०णेवे 88४७ छाणेतेश्ते प्राणी ह7९७छ' छाप्रए10019 खा0 घणे1०ए०प ग्राड एच एए-9०8७ ए्ा०7०, 8शणेए ? 11090 9९०४०, 27५४४ 008 226602 2फ7९6६९० (ए० 1) 9 234 4. 018 ग्शागरश्वा६७ धाव 7०499 ७ 1507 1ग्रएणःछा५ 11605] 6188 ए६ १ए]809 8 छि|ए०७ ४४७४ शाह 091 (8138 ए०81007 वा 808 ७ द७ हुए&0068६ पृधा००बा। वात 0० 7881ए उ०छा०8श1६ पा 90०कञी6 7 शाबका0०ए७, सब्वात्न8 है, 89169 ०छ ला , 9 116 5 खुगव के अर्पर पर इगलैंढ मे जो नार॑ लगे ये उनके कुछ नमूने निम्नलिखित है 'दैनर को फॉँसी पर लटकावा जाय, जर्मनी से हरमाना लिया जावय--शषिक्षिय के बदले शिलियग और टन के बदले टन वसूल किया जात




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