पृथ्वीराज रासो भाग - 6 | Prithaviraj Raso Bhag - 6
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
254
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)।आचो: संलब हक ४; . .... * श्वोशेजरासी, समय ६]. - -:- ह रे्वीजेल रासो | ह ः रा ९५१४
यह समांचार सुनकर कि चदेछों ने मेरे घावल बीरों को
सारा पथ्वाराज़ छा क्राथ हआ।
इृद्ा ॥ कह प्रिथ्य कानन सुनो । घाश्ल इहनत सुजान ॥
चाहआन चदेल सो' | कलि ज॑ंगी अति सान ॥ छ' ० ॥ ४६॥
पथ्वोशज का कन्ह चोहान को बछाना ओर सब सामंतों
को इकटा करके यह सम्ताचार कह कर परामशें करना ।
कबित्त ॥ सुनिय वचन चहआतन । करिव चंटरेल विरुच्चद्ट ॥
हन घाइल बिन चक। ओर दासौ तिन सथ्यह ॥
सुनो कन्ह कमास । सुनो जादी रा ज्ञाम' ॥
सुनों चंद पुडीर। सुनो गुज्जर रा रास ॥
चाव'ड राइ सुनियो श्रवन । सलप पजन विचारियव ॥
सजम्म राइ निहू र सुनो । तत्त सुमत्त विचारियव॥
| ह ह छ'० ॥ ४७ ॥
सामतों का महोबे पर चढ़ाई करने ओर परिमाल देव को
मार गिराने की सलाह देना, पथ्वाराज का झाभ महते
द्खलद्याकर कृच. करना आर पाहुढ [दुन बाग सर
डरा देना ।
'पदरी ॥ उच्चर व्घेल लणष्यन समथ्य | संनियो देस महवो सुहृष्य ॥
उजच्चरिय वंत्त चह आन कन्द | भंजियं भप महुवो सुथन्न ॥
ै छ ० ॥ ए८॥
. चावड बोसि विरदालि व'क | धारह टेक सारहु निसंक ॥
बुजक्षियो चंद पुडौर वौर । पक्करि नरेस परिमाल धौर ॥
ः छ०॥ ४८ ॥
' सबज्जिर राष्ट्र वोलिव विरत्त । कट्टिय भप चढिय सुरत्त ॥
सारंग बोलि वानो विराट । बट्टिय माल परिमाल थांद #॥
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-_सुनि मंत कुसद निहुरि नरेंस । मारिय वेस महुवी सुद्ेस ॥
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