पानी का पेड़ | Pani Ka Ped
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
116
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कहकहे सम सम्मिलित होना पड़ता है। अच्छत राव वा बहुकहा बवडर
की भाति आगे आगे बढता ही जाता है।
उस ससय यही हुआ । कहकहे के मैच म॒ सरसुख सिंह, डिमेलो और
नवाज को भी सम्मिलित होना पडा । हसत हसते सरमसुख सिंह को दाढ़ो के
क्लिप खुल गये, और डिमेलो दोहरा हो गया। जब भिप्त धनाश्री ने जरा
क्रोध से कहा, “अब चलो भी”, तब मास्टर अच्छन राव ने झट से कह
कहां लगाना वद क्या, अपने साथिया से क्षमा मागी और अपनी
'जानिया! को लेकर चला गया।
तीना साथी २ रीड के शराबखाने मे दाखिल हुए | यह शराबखाना एक
दो मजिली इमारत म है । निचली मजिल मे वार है और ऊपर वी मजिल
में अलग अलग कमरे हैं--जहा जरूरतमदों के लिए मनोरजन वे साधन
जुठाये जात हू ! इस शरायखान का वातावरण बहुत ही धरेल सा है! वेटर
बडे तस और समयदार हैं! शक्ल व चाल-ढाल से पेशेवर राजनीतिज्ञ
दिखाई टेते है। मेजे न बहुत गदी है न बहुत साफ, और न वे बहुत मूल्य
वान है, न बहुत घटिया ! यहा हर प्रकार वी शराव मिलती है--बढिया
से वढिया विलायती शराब और घटिया से घटिया देशी शराव। सजदूर,
कलक दुकानदार, फ्टिम उद्योग मे काम करने वाले बोच के दर्जे के पूजी-
परि, इजीनियर, विद्यार्थी -भि न पिन मेजो पर बैठे हुए बातें कर रहे
है । वातावरण में तबाक और शराव को गध रचो हुई है, पकौडिया और
बनाया की गध फ्ली हुई है, मूषफली के घी! मे तले जाने वाले अडा की
धसाद है और मिली जुली सासा को गघ हवा मे तैरती हुई मालूम होती
है। दीवारा पर महात्मा गाधी, जवाहरलाल नहरू और साई वाबा के
कैलेंडर है। पारसी बार मन की मोटी, लाल नाक पर नोली नप्तो का
जाल उमरा हुआ है। कमी कभी ऊपर वी मजिल से कोई जनाना कहवहा
तबैरता हुआ आता है, ता एमा लगता है जप्ते एक क्षण के लिए बादलों के
गुवार भें विजली चमक गयी। नीचे बार भे सबके कान खड़े हो जात हैं।
चेहर उप्त बिजनी की रोशनी से एक क्षण के लिए चमक उठते हैं। कोई
सुदर स्वप्न कोई आंतरिक तडय, कोई सुप्त भावना मचलकार जाग
उठती है।
क्या बरू ? | 21
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