नारी चेतना और अपराध | Nari Chetana Aur Aparadh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
266
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मारी और हिसात्मक श्रपराप 17
से जुड जाती है या कोई पूव प्रेमी हो तो उससे सबंध बनाये रखती है तो
उन सब परिस्थितियों की जानकारी मिलने पर परिवार वी प्रतिष्ठा बचाये जाने के
जाम पर ऐसी स्त्री की हत्या तन बर दी जाती हे ।
ऐसे भी प्रकरण सामने श्राये हैं कि पति के सेना मे होने पर, विदेश चले
जाने पर व लम्बी बीमारी के कारण इलाज बे लिए दूर जाने या रहने पर इस
कालिक भ्रततराल के फतस्वरूप पत्नी वे जीवन में कोई पर पुरुष झ्रा जाता है।
पति के लौट कर झाने पर जब इस व्यमिचारी व्यवहार वी जानकारी पति को
मिलती है तो पत्नी को कुलटा रूप मे पाकर वह झाक्रोश मे पत्नी के प्रति हिसात्मक
व्यवहार करता है भर ऐसी परिस्थितियों में पत्नियो की हत्या तक हो जाती है।
प्रेमिका के रूप मे
जब कोई कोई स्त्री प्रेम रोग से ग्रसित हा जाती है श्र प्रेम ज्वर सर पर
चढ़ बर बालने लगता है तो उस समय सती को केवल मात्र एक ही चिता रहती
है, वह सतत् प्रंमी बे बाहुपाश में आबद्ध रहने की ! वह सामाजिक मान-मर्यादा
पारिवारिक प्रतिष्ठा व भविष्य के बारे मे लेश मात्र मी चिंतित नहीं रहती। वह
चाहती है प्रेम मिलन । इस प्रयोजनाथ वह शभ्रपने प्रेमी वे साथ पलायन कर
जाती है ।
इसके विपरीत ऐसी भी परिस्थितिया आती है जब कि कोई पुरुष किसी
स्त्री से प्रथम दृष्टि मे प्रेम कर बठता है श्रौर बह अपने हृदय की श्रतरतम गह-
राइयो से उस स्त्री से प्रेम करने लगता है। वह उसकी प्रतिमा की प्रहनिश मन
मदिर म पूजा करता है! चाहे यह चाह मूक ही हो पर उस स्त्री को पाने की लालसा
द्ृट्य मे सजोये वह विकटीरियाकालीन मध्ययुगीन नायव के समान श्रपनी प्रेयसी
को येन केन प्रजारेश पाना चाहता है चाहे उस स्त्री द्वारा ऐसे प्रेमी के प्रेम को
स्वीकार ही नही क्या हो । ऐसी स्थिति मे ऐसा दीवाना प्रेमी उस स्त्री को बलात
उठा बर ले जाता है श्रौर उसके साथ झ्रपनी काम पिपासा शाति हेतु बतात्कार
जसा भ्रपराध भी करता है ।
श्रवरोधक की भूमिका
क्मी-क्मी कोई प्रेमी व प्रे मिकाए भ्रापस मे मिलना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति से
सास ननद या पत्नी जब ऐसी स्थिति को देख कर अ्रवरोध उत्प“न करते हैं. स्थिति
वश एसी महिलाशों को डराने के लिए भ्रवरोध को समाप्त करने के लिए था
फिर हा समाप्त करने के लिए उनके विरुद्ध हिसात्मक व्यवह्यर क्या जाता
रहा है।
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