मद्य - निषेध नशे का व्यसन | Madya - Nishedh Nashe Ka Vyasan

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Madya - Nishedh Nashe Ka Vyasan  by चन्द्रसेन - Chandrasen

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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-२+ 1 हट, ६ मद्यग्निषेध :जशे की व्पर्सत २ [७ पी ज:०न्‍ूव रब दोटो और बीयर में अब यह भेद हुआ कि रोटी में वे हैः जो प्रकृति ने अनाज के पौदे मे दिये थे जबकि बीयर मरें''से ये-गु्ण शुचलेते, ओर सड़ाने में रासायनिक परिवर्तन होते पर जाते रेंहे। हा“ हमे,ईम दात को प्रमाणित करते हैं कि रोटी मै पीद के गुण कायम हैं।...* एक तश्तरी में थोड़ें-से जौ अथवा गेहूं कुचल कर रखो, तश्तरी को गरम करो। अनाज पहले फाला पड़ेगा और फिर जलने लगेगा और यदि तैज भाँच बराबर जारी रहे तो यह जलकर कोयला हो जायगा। अब इन कोयलों को और भी तेज आंच से जलाओ। घौरे-धीरे कालापन चला जायगा, क्योंकि अधिक टेम्प्रेंचर की वजह से कार्बेब हवा की ऑव्सीजन से मिलकर फोर्दत डाइसावसाहड चन गया। जब तमाम कालापन मिट जायगा तब वे दाने सफेद भस्मी ही जायेंगे। इस भस्मी में अनाज के खनिज क्षार मिले हैँ। अब इसी प्रकार रोटी को जलाइये तो अब्त में उप्तको भी सफेद ,भर्मी में वही छनिज क्षार मिल्लेंगे । दोनों एक ही चीज हैं। दोनों के गुणों में कोई तब्दीली नही हुई । इससे यह बात प्रमाणित हुई कि अनाज मो रोटी बनाने से अनाज के पौष्टिक तत्त्व नष्ट नहीं हुए । या 5 जा रोदी मौर बोयूर फा भेद इस प्रकार है : हे रोटी पानी प्रतिशत ३७.० #59फालाणंत ,, धर शबकर ३-६ का के १.६ खतिज हे २-३ स्टार्च ढ ड्जड




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