अथर्ववेदीय - पन्चपटलिका | Atharvavediya - Panchapatalika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
747 KB
कुल पष्ठ :
59
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about भगवद्दत्त बी० ए० - Bhadwaddatta. B. A.
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पश्चपटलिका । ््
(३३) बह्मास्य शीर्ष वृहद् (३४) इत्वप्टकानि । तांत्सत्योजाः (३६) दश।
स्थया पूर्चम (३७) द्वादश । पृथिब्यामझये (३5) दश । ये पुरस्ताजज्जह्नाति
(४०) इत्यष्टी |
ऋषवडस्मत्र: (२१), तदिदास (२) इति नवके ) भमागने
चचः (३) एकादश । यो गिरियु (७) दश् | रात्रि माता (५) नव। ब्रा
अज्ञानम (८) चतुदेश | आ नो भर (७) दश। घैकड्डुतेन (८) इंति नव 1
दिये स्वाहा (६), अदम चम्मे मेसि (१०) इत्यटके
रे ढ प पी दीन ्ड कं म
विच्ठेद दोपस्तु पृर्वत्मिन्पापदे ये व्यवसीत्यने च देवदेडने। ब्द्मगव्यामगरसा-
& ५ 5 कर ८
मे मेतचतुऋचान्यष्टचां न व्यमिमीतान्यत आगमोदहि ॥ छ ॥
कथे भहे (५११), समिद्धो अद्य (१२), ददिहिं महयम (१३) इत्येफा-
दर्काने। सुपशस्त्वान्य्थिंदत् (१४) त्रयोदश| एका च में (१५), ययेक-
बुर'लि (१६) इत्येफादभके | ते बदन (१७) अब्णदश 1 नेतां ते (१८०,
अतिमाश्रम (१८) इति पैवदशके। डद्चैघोंवः (२०) विह्दयम (२१)
इति द्वाइशके। अर ग्रिस्तक्मनम (२२) चत॒दश | ओर। ते में द्यावापुधिच्ी (२३)
प्रयादश | खबिता प्रसवानाम (२७) इति ख्तदझ्ष | परवेठ्ादिवों यो।मेः
(२५) इनि न्रयोदश | यजूंपि यत्ञे (२६), ऊर्दा अस्य (२७) इति दादशके।
नव प्राणात (९८) चतदंश। पुरस्तायक्तों बह (२६) पंचदश| अ्रावतस्ते
(३०) समदज् | यां ते चऋः (३१) द्वादश ॥ <॥
आययो (६1१६), यथेय पथधिवी मद्दी (१७), सिद्दे व्याप्रे (३८),
यत्ते देयी निमंतिः (६३), य एन परिपीदति (७६), झपचितः प्रपतत
3. भ, मै 1 २. अ, ब,वैकतन ॥ ३ व, व॥ ४. व, ब्यमीमीता ॥
User Reviews
No Reviews | Add Yours...