समयसार | Samayasar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
40 MB
कुल पष्ठ :
590
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)६ रायचंद्रजैनशाअमालाद्वारा अरकाशित प्रंथोंकी सूची 99७
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१ पुरुषार्थिलिज्युपाय ( भाषाटीका )--यह प्रतिदशाज दूसरीवार छपाया गया है। न््यों०१ रु०
२ पंचास्तिकाय से० भा० टी०--इसमें दो संसक्त ठीकायें ओर एक हिंदी भाषा टीका हैं। यह
, भी दूसरी वार छपाया गया है। न््यों० २ ₹०
३ ज्ञानाणव भा० टी०--इसमें ब्रह्मचयेका व ध्यान करनेका विसत्तारसे कथन है। यह भी दूसरी
वार छपाया गया है। न््यों० ४ ०
४ सप्तभंगीतरंगिणी भा० टी०--यह भी दूसरी बार छपाई गई हैं। न्यों० १ २०.
५ बृहद्वव्यसंग्रह सं० भा० दी०--इसमें जीवादि हव्योंका उत्तम कथन है । यह भी दूसरीवार
छपाया है। न््यों० २ रु०
६ द्रष्यानुयोगतर्कणा भा० दी०-- इसमें नयोंका कथन है। न्यों० ३ रु०
७ सथ्ाष्य वत्त्वार्थीघिगमसूत्र भा० दी०--इसकी थोड़ी ग्रतियां रहीं हैं । न्यों० २ २०
८ स्थाह्वाद्मंजरी से भा० टी०--इसमें छहों मतोंका तथा ईश्वरकर्तृत्तखंडनका विवेचन किया
है । न््यों० ४ रु०.
९, मॉमदट्सार--( जीवकांड ) संस्क्ृतछाया और संक्षिप्त हिंदी भाषादी० । न्यों० २॥ रु.
१० गोॉमट्सार ( कर्मेकांड ) संस्कृत छाया और संक्षिप्त हिंदी भाषा टी० । न््यों० २ रु.
११५ लब्धिसार ( क्षपणासारगर्मित ) संस्कृत छाया और संक्षिप्त हिंदी भाषादीकासहित है।
न्यों० १॥ २०
१०५ परमात्मप्रकाश से० भा० टी०--इसमें परमात्माका निर्णय किया गया है। न्यों० ३ रु०.
१७ भ्रवचनखार सं० भा० टी०--इसमें दो संस्कृत टीकायें भर एक हिंदी भाषाटीका है।
न््यों० ३ ०.
१४ समयखार सं० भा० दी०-- यह भी दो संस्कृत टीका और एक हिंदी भाषाटीका सहित
छपाया गया है। पहले इसकी सं० टी०--पौनेतीन रुपयेसें और जेयुरी भाषा चार रुपयेसें
मिलती थी। अब वर्तमान भाषामें परिवर्तेत होकर भाषाटीका और दो संस्क्ृतटीका गाथासूची
विपयसूची सहित लागतके ऊगस्षग इस पंथका मूल्य ४ चार रुपये ही रक्खा गया है, जिससे
कि खाध्याय प्रेमियोंको लेनेका खुभीता हो । न्यों० ४ रु०
शुज्राती भाषामें छपे अंथ
१५० सोक्षमाला--यह अंथ श्रीमद् रायचंद्रजीकृत है । न्यों० १२ आना ।
१६ भावनावोध--यह ग्रंपभी उक्त महान् पुरुषझुत है । न्यों० ४ आना | ,
प्रंथोंके मिकनेका पता---
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