स्वाध्याय माला | Swadhyay Mala

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Swadhyay Mala by असलेखा सोनावत - Asalekha Sonavat

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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धण्णा ण ते राईसर-तलवर-माडम्बिय कोडुम्बिय-इब्म सेट्टी सेणावइ सत्थवाह पभइओ। जे ण समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारिय पव्वयति। धण्णां ते राईसर जाव सत्थवाह पभइओ जे णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अतिए धम्म॑ं पडिसुणेन्ति]। त जइ ण समणे भगवं महावीरे पुव्वाणुपुव्वि चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे-इह- मागच्छेज्जा जाव विहरेज्जा | तए ण अह समणस्स भगवओ महावीरस्स अतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वएज्जा। तए ण समणे भगव महावीरे सुबाहुस्स कुमारस्स इम एयारूव॑ अज्झत्थियं, चिन्तियं, कप्पिय, पत्थियं मणोगय सकप्पं वियाणित्ता, पुव्वाणुपुव्वि-चरमाणे गामाणुगाम दूइज्जमाणे, जेणेव हत्थीसीसे णयरे, जेणेव पु-करण्डे-उज्जाणे, जेणेव कयवणमाल पियस्स जक्खस्स जक्खाययणे, तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अहा पडिरूव उग्गह उगिण्हित्ता सजमेण तवसा अप्पाण भावेमाणे विहरइ | परिसा, णिग्गया राया वि णिग्गओ। तए ण तस्स सुबाहु कुमारस्स त॑ं महया जहा पढम तहा णिग्गओ। धम्मो कहिओ। परिसा पडिगया राया वि पडिगओ | तए णं से सुबाहु कुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ट-तुद्ठे समण भगव महावीर वदइ णमसइ एवं वयासी-सद्दह्ममि ण भंते ! णिग्गथ पावयणं एव पत्तियामि ण, रोएमि ण, अब्मुड्ठेमि ण भंते। णिग्गथ पावयण एवमेय, तहमेय, अवितहमेय असदिग्घमेय भंते णिगगथ पावयण इच्छिय-पडिच्छियमेय भंते ! से जहेव त तुब्मे वदह | ज णवरं देवाणुप्पिया ! अम्मापिअरो आपुच्छामि तओ पच्छा देवाणुप्पियाण अतिए मुण्डे भवित्ताण अगाराओ अणगारिय पव्वइस्सामि | अहासुह देवाणुणिया ! मा पडिबन्ध करेह। तए ण से सुबाहुकुमारे समण भगव महावीर वदित्ता णमसित्ता विनि।दिन/(वज/(बज/नि/वज/निगावजा/वज/|विज/लज/।वज़ालिल त्वाध्याप गाला-25




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