वीरांगना अरुणा आसफअली | Virangana Aruna Asaf Ali

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Virangana Aruna Asaf Ali by सुरेश गांधी - Suresh Gandhi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about सुरेश गांधी - Suresh Gandhi

Add Infomation AboutSuresh Gandhi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
बीरायना चघरुखा म्फ सतम्मतिसे अपनेशे स्वतम घापित जिया ऐ, और अपना रा्ट्रसभ् स्वापित कियाह, जन्द ही मारतोय और पिरेशी सेनाआय। हटा लिया जाय। श्रव एशिया याियोंने अपनी स्व॒तन्ध्रतारे लिए श्रीतम निर्णय कर लिया है। दम श्रय ओथेपोते सीस सहीं माँग सकते । आव दग दनशिया याताद ै और साम्रा ज्यवादी झप इस बाते अन्द्रा तरद समझ लें कि इरान, अप्रीका या एशिया यहीं भा उनका राज्य अब अधिक दिनों तर नहीं रिए सकता । मिनराप्ट्रोने लोकतान और बन्धुत्तकी बात बरके हमारे भारतीय भाइयों को ज्यादासे ज्यादा सम्याम सेनाम मरती फ़िग्रा था । अमेरिश्रो कट्ठा था कि अय काले गोरेंम भेदभाव न रहेगा । पर ध्यव एटम बमके जोरसे विजय पाते के बाद मे लोफ तान और बघुत्त्वी बातें भुला दी गई है । जय जापानी लोग जाय इन्डोनेशिया और बमौम सामना करनेसे लिए आये थे, तय ये बद्ा- दुर राष्द पूछ खट्टीकर भाग गड्ढे हुए थे। हथ अगरेज और प्रेंच अपने साम्गज्योकी छोड़ यूरपर्में दौड़ गये थे ।पर पुन जीत जानेपर जिनके यलपर युद्धम जाते थे जिन देशोंगे छोड़म्र भाग खडे हुए थे उन्हीं पर फिरसे हुबू मत जारी कर शी और भरिटेनन अपने डच और पेंच साथियोंसो इसम॑ सद्दायता दी। अब इन्टोनेशिया नेयासियोंने तो डॉ० सोका्नोके नेतृत्वम अपना प्रचातत स्थापित कर दिया है । हम चाहते है कि भारतमे भी ऐसे सोझानें उत्त्पन्न हों जिससे अग्रेनोंसों यहाँसे ऐसे भागता पढ़े कि फिर कमी उनमा पैरमी भारतती भूमि पर न पड़े। विटिश, रशिया और अमेरिसने युद्धफे बाद अपने उन सच बायदाे जो युद्धफे दरमियान दिए गये थे, अपने आप तोडा है । उनके सय चआार्टर और परिपद उनके अपने स्पार्यम परिवर्तित हो चुके हैं पर थ्रय एशिया थासी उनके घोसे और पड्यानोसे सचेत हो चुके है । सम्राज्यवादी शक्तिया ध्यर एशियाई ढेशापर शासन नहीं कर सकती । श्रामठी अछुणाऊरे बम्ब्श्के सर भाषण चिरस्मरणीय है। बम्बईसी “महिलाओ उन्होंने नो प्रभावशाली सन्देश दिया था वह अब भी उनके लिए उतना ही तावा और चिर॒स्थाई है । उस सन्देशमे जो जाशति और च्ेंग है वह अपूर्य है । बम्बइके शुजराता ख्री मसडलक्ते हॉलर्म स्लियोकी एक”




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now