वैज्ञानिक युग में पेट्रोलियम का योगदान | Vaigyanik Yug Men Petroliyam Ka Yogadan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
76
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)था। लातीनी अमरीकी देशों के भूगर्भ में लगभग 75 अरब
तेल शेप था और पूर्वी देशों के भूगर्भ में 15 अरब बैरल तेल
का भण्डार शेप था।
उपयुक्त अनुमानों के अनुसार, कम-से-कम सऊदी अरब
तथा उसके समीपवर्ती देशों को तो पूरी तरह से चैन की बंसी
बजाते रहना चाहिए। जब रूस व चीन तथा अमरीका व
लातीनी अमरीकी देशों के धरती तले तेल का भण्डार चुक
जाएगा। तव भी सऊदी अरब की तूती सारे विश्व में वजती
रहेगी और जिसकी लाठी उसकी भेंस' की लोकोक्ति को
बदलकर जिसका तेल उसकी ताकत बनाना होगा ।
यदि उस समय तक ऊर्जा के कई दूसरे स्रोत, जैसे--सौर
ऊर्जा अथवा परमाणु ऊर्जा के भण्डारों की खोज करनी होगी
और तब विश्व में व्याप्त ऊर्जा का अभाव कम करना होगा।
आजकल लास एंजलिस और ओकक््लाहामा नगर तथा
कुछ और शहर हैं जिनके नीचे तेल की बड़ी थाती विद्यमान
है । लेकिन यह मात्र अपवाद ही है। दो सौ प्रभुसत्ता सम्पन्न
राष्ट्रों में केवल 66 राष्ट्र ही तेल का उत्पादन कर पाते हैं।
उनमें से केवल दस के ही पास विश्व का 52 प्रतिशत तेल
सुरक्षितं है और बिद्व में सभी साधनों से प्रजनित ऊर्जा का
एक-चौथाई अंश पैदा करते हैं। वह् सोभाग्यशाली दस देश
हैं-अल्जी रिया, इण्डोनेशिया, इराक, ईरान, कुवेत, कोल-
म्विया, नाइजी रिया, लीविया, सऊदी अरब और वेनिनजुला।
इन देशों में विश्व की कुल जनसंख्या का केवल 6 प्रतिशत
आंवाद है, विश्वभर में 10 प्रतिशत जमीन है जहां विश्व के
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