तेरा मेरा उसका सच | Tera Mera Usaka Sach

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Tera Mera Usaka Sach by यादवेन्द्र शर्मा ' चन्द्र ' - Yadvendra Sharma 'Chandra'

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तो क्या हुआ*** किसी ने राम को, मिटाकर लिख दिया रहीम, किसी ने करीम को मिटा कर, लिख दिया कृष्ण, किसी ने कृष्ण को काटकर, लिख दिया ईसा, तो क्या हुआ, विराट पृथ्वी पर उनके सद्कर्मा वा, कही न कह्दी अस्तित्व तो रहेगा ही ! मुझे भरे बाजार मार दिया छुरा, जड़ा दिया गोली से तुम्हे डुबा दिया सागर में वैभव, बंद कर दी तहखानो मे सस्कृति, तो क्‍या हुआ, जिन शब्दो को हमने दिया है जन्म, वो कहीं न कहीं तो बोलेंगे ही । फसलें जला दी गईं, मकान तोड़ दिए गए, स्मृतियाँ मिटाने की योजनाएँ बना दी गईं, आतक ही आतक, चारो ओर अग्निकाड, तो क्‍या हुआ, जो जिजीविषा के वीज बियर गए यत्र-्तन्न, तेरा, मेरा, उसका सघ॥/25-




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