शीशों का मसीहा | Sheeshon Ka Masiha

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Sheeshon Ka Masiha by फैज़ अहमद फैज़ - FAIZ AHMED FAIZ

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मैं दिलफिगार नहीं, तु सितम शअआर* नहीं बहत दिनो से मुझे तिरा इतजार नही तिरा ही अक्स है इन अजनबी बहारों मे जो तेरे लब, तिरे बाजू, तिरा कनार* नहीं १ घायत दिलवाला २ अत्याचारी स्वभायवाला ३ गोद) गीशों बा मसीहा र्ट




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