गणेश गुण शतक | Ganesh Gun Shatak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
108
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री धर्मेंश मुनिजी - Shri Dharmesh Muniji
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)7894 24%102030 26565 5
(49) दुःख का पहाड़ : गणेश के सिर
तर्ज-- पल-पल बीतें उमरियाँ ..........
पल-पल करते बीते रे, सुख में जीवन सारा।
गणेश का प्यारा-प्यारा, गणेश का प्यारा।। टेर ||
मगर अचानक दुःख के बादल मंडराते-2,
महामारी से जन-मन अति ही अकुलाते।
जिससे सबकी आँखों में बहे अश्रु की धारा।।॥11।
घर-घर में कोहराम मचा ये भारी है-2,
श्मशान भूमि में लाशों का क्रम जारी है।
कई घर उजड़ते रे, नहीं मिलता उठावन हारा 1 |21|
2६2६5९2६2६2८2६2६2६2६5६5825६5६545६2६5६2६5६38262६
%५२५२५२५२०५२०५२०५२५२१८०८५८०८ ०६०८०५८०५८ ०६ ०९०८ ०६ ०६५६ ०६०६ ५६
उसी चपेट में श्री गणेश भी आ जाते-2,
व गाया
User Reviews
No Reviews | Add Yours...